मुंबई, 22 जुलाई : बंबई उच्च न्यायालय (CBI Maharashtra) ने बृहस्पतिवार को कहा कि सीबीआई महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके सहयोगियों के साथ साठगांठ को लेकर पुलिसकर्मियों के स्थानांतरण तथा सचिन वाजे की बल में बहाली की जांच कर सकती है. न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ ने देशमुख के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी के दो पैराग्राफ को रद्द करने की महाराष्ट्र सरकार की याचिका को खारिज कर दिया.
एक पैराग्राफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख के खिलाफ सचिन वाजे द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है. वहीं, दूसरा पैराग्राफ पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती में भ्रष्टाचार से संबंधित है. अदालत ने कहा, ‘‘हमारे विचार में जांच एजेंसी (सीबीआई) पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण और तैनाती तथा 15 साल बाद पुलिस बल में सचिन वाजे की बहाली के मामले में वैध रूप से जांच कर सकती है....’’ सीबीआई ने इस साल 21 अप्रैल को देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के कथित आरोपों को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी. यह भी पढ़ें : Maharashtra: महाराष्ट्र में भारी बारिश का कहर, पानी में डूबा चिपलून शहर, कल्याण-भिवंडी में भी जल सैलाब
एजेंसी ने पांच अप्रैल को उच्च न्यायालय के एक आदेश पर राकांपा नेता के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. उसके बाद देशमुख ने राज्य के गृह मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. राकांपा नेता ने हालांकि कहा था कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.