देश की खबरें | अदालत ने सीबीआई को कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी पूर्व नोटिस देने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली, 10 जनवरी दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भ्रष्टाचार के एक नये मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से तीन दिन पहले लिखित नोटिस देने का शुक्रवार को निर्देश दिया।

कार्ति पर आरोप कि उन्होंने एक शराब कंपनी को उसकी व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध से राहत दिलाने में मदद की थी।

विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने कार्ति की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। उन्होंने कांग्रेस सांसद को जांच प्रक्रिया में शामिल होने और कानून के अनुसार जब भी जरूरी हो, सीबीआई का सहयोग करने का निर्देश दिया।

विशेष न्यायाधीश चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही थीं। चिदंबरम के विरूद्ध यह मामला शराब कंपनी डियाजियो स्कॉटलैंड पर आईटीडीसी द्वारा व्हिस्की की शुल्क मुक्त बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध से राहत दिलाने से जुड़ा है।

चिदंबरम की ओर पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि उन्हें आशंका है कि 12 जनवरी, 2025 को देश में लौटने पर उनके मुवक्किल को सीबीआई गिरफ्तार कर लेगी।

अदालत ने 17 दिसंबर, 2024 को चिदंबरम को चार से 12 जनवरी तक वियना, ऑस्ट्रिया और ब्रिटेन की यात्रा करने की अनुमति दी थी।

अधिवक्ता अर्शदीप सिंह खुराना द्वारा शुक्रवार को दायर आवेदन में दावा किया गया कि ऐसी आशंका है कि सीबीआई ने चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) खुलवाया है, ताकि देश में उनके आगमन पर उन्हें हवाई अड्डे पर हिरासत में लिया जा सके।

हालांकि, सीबीआई ने कहा कि यह आवेदन जल्दबाजी में दायर किया गया है, क्योंकि इस स्तर पर चिदंबरम की गिरफ्तारी की कोई आशंका नहीं है और उनके खिलाफ कोई एलओसी नहीं खोला गया है।

सीबीआई के इस बयान के बाद जब बचाव पक्ष के वकील ने राहत पर जोर नहीं दिया तब न्यायाधीश ने आवेदन निस्तारित कर दिया।

न्यायमूर्ति बावेजा ने कहा, “12 जनवरी 2025 को भारत लौटने पर मामले की जांच में शामिल होने के बाद अगर याचिकाकर्ता को गिरफ्तार करने की जरूरत पड़ती है, तो जांच एजेंसी उसे तीन दिन पहले लिखित नोटिस देगी। याचिकाकर्ता देश लौटने पर मामले की जांच में शामिल होगा और कानून के अनुसार जब भी आवश्यक हो, जांच प्रक्रिया में सहयोग करेगा।”

ये कथित अपराध 2004 और 2010 के बीच किये गये थे।

अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया था कि सीबीआई ने आईटीडीसी (भारत पर्यटन विकास निगम) द्वारा डियाजियो स्कॉटलैंड की व्हिस्की की शुल्क-मुक्त बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंध से कंपनी को कथित तौर पर पैसे लेकर राहत दिलाने के आरोप में कार्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

प्राथमिकी के मुताबिक, यह मामला एडवांटेज स्ट्रेटेजिक कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (एएससीपीएल) को डियाजियो स्कॉटलैंड और सिकोइया कैपिटल्स की ओर से किए गए कथित संदिग्ध भुगतान से संबंधित है, जो कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन द्वारा नियंत्रित इकाई है।

कार्ति के खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार का यह चौथा मामला पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 2018 में सीबीआई द्वारा की गई प्रारंभिक जांच से उपजा है।

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