नयी दिल्ली, एक अगस्त शिक्षा क्षेत्र में आरक्षण के मुद्दों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद संबित पात्रा ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि मुख्य विपक्षी दल ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया मिल्लिया इस्लामिया से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण समाप्त किया था।
लोकसभा में शिक्षा मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के लोग आरक्षण पर आंसू बहाते हैं, लेकिन वे जवाब दें कि क्या यह सच नहीं है कि केंद्र द्वारा वित्तपोषित एएमयू और जामिया संस्थानों में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए प्रदत्त आरक्षण को समाप्त कर दिया गया।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए 1981 में एएमयू में एससी और एसटी के आरक्षण को समाप्त कर दिया। कांग्रेस ने 2011 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एससी और एसटी आरक्षण समाप्त कर दिया।’’
पात्रा ने पेपर लीक को लेकर विपक्षी सदस्यों के आरोपों पर कहा, ‘‘पेपर लीक पर आरोप लगाने से पहले वे अपने गिरेबान में झांकें जो पाप ही पाप से भरा पड़ा है।’’
उन्होंने 2006 से लेकर 2014 तक केंद्र की पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में पिछले कुछ साल में विभिन्न कांग्रेस शासित राज्यों में प्रश्नपत्र लीक के अनेक उदाहरण गिनाए।
भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘इस सरकार ने गत फरवरी में पेपर लीक को रोकने के लिए एक विधेयक सदन में रखा है। इसमें दस साल तक की जेल का और एक करोड़ रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।’’
उन्होंने कहा कि इस बार के केंद्रीय बजट में शिक्षा, कौशल और उद्यमिता तथा रोजगार विषयों पर बहुत जोर दिया गया है।
पात्रा ने आरोप लगाया कि विपक्ष 34 वर्ष तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर चुप्पी साधे रहा और 2014 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार बनने के बाद भाजपा के घोषणापत्र में किए गए एनईपी के वादे को पूरा किया गया।
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृ के प्रति सम्मान और शिक्षा को लेकर समग्रता की सोच है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)