बेंगलुरु, 5 मई : कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने आदर्श आचार संहिता का कथित उल्लंघन करने को लेकर रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग से कार्रवाई करने की मांग की. प्रदेश कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर भाजपा की ओर से पोस्ट किये गए एक वीडियो में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय के सदस्यों को एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए डराया-धमकाया गया है. कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) को दी शिकायत में प्रदेश भाजपा के आधिकारिक अकांउट से चार मई को शाम करीब साढ़े पांच बजे ‘एक्स’ पर साझा एक वीडियो का उल्लेख किया है. इस अकाउंट का संचालन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र के निर्देश पर पार्टी के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय करते हैं.
पत्र में कहा गया है, ‘‘सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए उक्त वीडियो में राहुल गांधी और (मुख्यमंत्री) सिद्धरमैया के एनिमेटेड किरदार दिखाए गए हैं. वीडियो क्लिप में एससी, एसटी और ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समुदाय को एक घोंसले में रखे ‘अंडों’ के तौर पर दिखाया गया है तथा इसमें राहुल गांधी को मुस्लिम समुदाय नाम से एक बड़ा अंडा रखते हुए भी दिखाया गया है.’’ पत्र में कहा गया है, ‘‘इसे इस तरह से प्रदर्शित किया गया है कि जैसे कि मुस्लिम समुदाय को दर्शाने वाले चूजों को धन दिया जा रहा हो, जो बाद में एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को बाहर निकाल देते हैं.’’ पत्र में यह भी कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र में कहीं भी यह जिक्र नहीं है कि एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय को निधि के आवंटन में कटौती की जाएगी और इसे मुस्लिम समुदाय को दे दिया जाएगा. यह भी पढ़ें : Chandrapur Tiger Attack : बाघ के हमले में महिला की हुई मौत, गुस्साए ग्रामीणों को शांत करने वन विभाग ने की 50 हजार रुपये की मदद
इसमें आरोप लगाया गया है, ‘‘भाजपा, कांग्रेस पार्टी पर ओबीसी श्रेणी में मुसलमानों को शामिल करने का झूठा आरोप लगा रही है और भाजपा लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह का दुष्प्रचार कर वोट मांग रही है.’’ केपीसीसी ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव में वोट हासिल करने के मकसद से भाजपा के आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल से यह वीडियो पोस्ट किया गया. प्रदेश कांग्रेस ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट है कि उनके द्वारा सोशल मीडिया पर पोस्ट किये गए वीडियो का मकसद एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को कांग्रेस पार्टी को वोट नहीं देने के लिए धमकाना है....’’ पत्र में कहा गया है कि आरोपी का कृत्य जानबूझकर दंगा भड़काना और विभिन्न धर्मों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना है तथा एक विशेष उम्मीदवार को वोट नहीं देने के लिए एससी/एसटी समुदाय के सदस्यों को डराना-धमकाना और इस समुदाय के सदस्यों के खिलाफ वैमनस्य पैदा करना है.
केपीसीसी ने निर्वाचन आयोग से उपयुक्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.