राजनांदगांव (छत्तीसगढ़), 23 मार्च : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूर्व विधायक कोमल जंघेल को और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने राजपरिवार के रिश्तेदार नरेंद्र सोनी को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन से रिक्त खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए 12 अप्रैल को मतदान होगा. नरेंद्र सोनी, सिंह के बहनोई हैं. जिले में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को यहां बताया कि खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए पार्टी ने पूर्व विधायक कोमल जंघेल को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है. भाजपा नेताओं ने बताया कि कोमल जंघेल भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं. वह वर्ष 2007 में हुए उपचुनाव में पहली बार खैरागढ़ विधानसभा सीट से चुने गए थे. बाद में उन्होंने वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक विधानसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था.
वह वर्ष 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जनता कांग्रेस के उम्मीदवार से हार गए थे. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जंघेल जनता कांग्रेस के उम्मीदवार देवव्रत सिंह से केवल 870 मतों से पराजित हुए थे. कोमल जंघेल लोधी समाज से आते हैं. खैरागढ़ विधानसभा सीट में लोधी जाति के लोगों की संख्या अधिक है. कांग्रेस ने भी इस समाज से यशोदा वर्मा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. इधर, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने अधिवक्ता नरेंद्र सोनी को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. राज्य के बलौदाबाजार जिले के विधायक प्रमोद शर्मा ने बताया कि पार्टी आलाकमान ने सोनी के नाम पर मुहर लगाया है. सोनी इस सीट से विधायक रहे देवव्रत सिंह के बहनोई हैं. वह खैरागढ़ को जिला बनाने की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन से भी जुड़े हुए हैं. शर्मा ने कहा कि खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता सत्ता-बल, बाहुबल और धन-बल को नकार कर इस चुनाव में देवव्रत सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि देगी. यह भी पढ़ें : Uttarakhand: मुख्यमंत्री पद पर पुष्कर धामी की दोबारा ताजपोशी, पीएम मोदी, गृह मंत्री समेत कई बड़े दिग्गज रहे मौजूद
राज्य के नक्सल प्रभावित राजनांदगांव जिले में स्थित खैरागढ़ विधानसभा सीट जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक देवव्रत सिंह के निधन से रिक्त है. पिछले वर्ष नवंबर माह में दिल का दौरा पड़ने से 52 वर्षीय सिंह का निधन हो गया था. खैरागढ़ विधानसभा सीट के लिए 12 अप्रैल को मतदान होगा तथा 16 अप्रैल को मतों की गिनती की जाएगी. इस सीट के लिए उम्मीदवार 24 मार्च तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे. खैरागढ़ राजघराने से जुड़े सिंह कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में शामिल हो गए थे. सिंह राज्य के कद्दावर नेताओं में से एक थे. राज्य का खैरागढ़ क्षेत्र इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ के निर्माण के बाद अब तक इस विधानसभा सीट पर राज्य की तीनों पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने जीत हासिल की है. हालांकि, ज्यादातर समय तक इस सीट पर कांग्रेस के विधायकों का प्रतिनिधित्व रहा है.
खैरागढ़ विधानसभा सीट पर सत्तारूढ़ कांग्रेस, मुख्य विपक्षी दल भाजपा तथा पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी के मध्य त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. राज्य में वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटों पर, भाजपा ने 15 सीटों पर तथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन से सात सीटों पर जीत हासिल की थी. वर्ष 2019 में चित्रकोट और दंतेवाड़ा सीट पर तथा वर्ष 2020 में मरवाही सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल करने के बाद 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 70 तथा भाजपा के 14 विधायक हैं. वहीं, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा के पांच विधायक हैं तथा एक सीट रिक्त है.