कोहिमा, चार जनवरी नगालैंड के उपमुख्यमंत्री यानथुंगो पैटन ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार लंबे समय से जारी नगा राजनीतिक मुद्दे को लेकर सिर्फ एक ही समाधान की पेशकश करने को तैयार है। उन्होंने मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए नगा समुदाय के भूमिगत गुटों और लोगों से एकजुट होने का आग्रह किया।
लिसेमिया थिनुओ (कोहिमा गांव के लिसेमिया खेल (सेक्टर) के विभिन्न कुलों के एकीकरण) की 175वीं वर्षगांठ के समारोह को संबोधित करते हुए पैटन ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शानदार नेतृत्व में केंद्र सरकार हमें उसी सूरत में समाधान की पेशकश करने के लिए तैयार है, जब हमारे नगा गुट एकजुट हैं।”
समान नगा समाधान के लिए लड़ने का दावा करने वाले लगभग 28 भूमिगत गुटों की मौजूदगी पर चिंता जताते हुए पैटन ने कहा, “हर गुट केंद्र के साथ बातचीत का हिस्सा नहीं है, क्योंकि कुछ गुट असामाजिक गतिविधियों में संलिप्त हैं, जिनमें लोगों से जबरन वसूली और उन पर अवैध कर लगाना शामिल है।”
उन्होंने कहा, “यह देखकर दुख होता है कि हमारा राजनीतिक आंदोलन टुकड़ों में बंट गया है और लगभग 28 गुट समानांतर सरकारें चला रहे हैं, वे अवैध कर लागू करने एवं जबरन वसूली में शामिल हैं, नगा लोगों के लिए जीवन कठिन बना रहे हैं तथा किसी भी प्रगतिशील एवं टिकाऊ गतिविधि में बाधा डाल रहे हैं।”
पैटन ने दोहराया कि वह अंतिम समाधान के लिए किसी नगा गुट के केंद्र के साथ बातचीत करने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन उन्होंने रेखांकित किया कि “कई गुटों का मकसद या तो जबरन वसूली है या फिर व्यक्तिगत हितों की पूर्ति।”
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “नगा लोग इस तरह की स्थिति में कैसे अपना अस्तित्व बचाए रख सकते हैं?” उन्होंने कहा कि नगा समाज “पूरी तरह से बिखरा हुआ और विभक्त है।”
पैटन ने कहा, “राज्य के विकास और प्रगति के लिए हमें एक मजबूत एवं एकजुट समाज की जरूरत है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो के नेतृत्व में राज्य सरकार ने विपक्ष-विहीन सरकार का गठन किया है, जिसमें लंबे समय से जारी नगा राजनीतिक मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए नगा समाज के बीच एकता लाने और एक दिशा में काम करने के उद्देश्य से सभी साठ निर्वाचित विधायकों को अलग-अलग राजनीतिक दलों से संबद्धता के बावजूद एक छत के नीचे एक साथ लाया गया है।
पैटन ने कहा, “हमारे विरोधी विपक्ष-विहीन सरकार पर हर तरह के आरोप लगा सकते हैं, लेकिन ऐसा कुशासन के लिए नहीं, बल्कि भलाई के बड़े उद्देश्यों के साथ किया गया है।”
केंद्र सरकार 1997 में संघर्ष-विराम समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद से एनएससीएन-आईएम के साथ राजनीतिक बातचीत कर रही है और 2015 में उसने रूपरेखा समझौते पर भी दस्तखत किए थे।
केंद्र ने 2017 में कम से कम सात नगा गुटों से लैस नगा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप (डब्ल्यूसी एनएनपीजी) की कार्य समिति के साथ समानांतर बातचीत शुरू की थी। दोनों पक्षों ने नवंबर 2017 में सहमत स्थिति पर हस्ताक्षर किए थे।
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