श्रीनगर, तीन अक्टूबर सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम कायम है और दूसरे पक्ष की किसी भी गतिविधि पर आपत्तियों को विभिन्न माध्यमों से ध्यान में लाया जाता है।
श्रीनगर स्थित चिनार कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब 2021 की शुरुआत में पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम की समझ बनी थी तो चीन के साथ उत्तरी सीमा पर हालात नाजुक थे।
उन्होंने कहा, ‘‘उस समय दोनों देशों (भारत और पाकिस्तान) को लगा कि यह सबसे उपयुक्त होगा कि जहां तक एलओसी और पश्चिमी सीमाओं की बात है तो तनाव को नियंत्रित रखा जा सके।’’
लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि संघर्ष विराम की समझ कायम है।
उन्होंने कहा, ‘‘संघर्ष विराम समझौते के कुछ निश्चित सिद्धांत हैं जिनका दोनों पक्ष पालन करते हैं। कभी-कभी, यदि किसी पक्ष को दूसरे पक्ष की किसी गतिविधि पर आपत्ति हो, तो उसे विभिन्न माध्यमों से ध्यान में लाया जाता है।’’
नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के प्रयासों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में जीओसी ने कहा कि सुरक्षा बलों की घुसपैठ रोधी व्यवस्था मजबूत है।
उन्होंने कहा, ‘‘जाहिर है कि एलओसी के अलावा अन्य स्थानों पर घुसपैठ हो सकती है और शायद इस साल ऐसा हुआ भी है। यही कारण है कि जम्मू क्षेत्र में घुसपैठ की संख्या में वृद्धि हुई है क्योंकि ये क्षेत्र हमेशा शांतिपूर्ण रहे हैं।’’
आतंकवादियों की चालों में किसी तरह की बदलाव की संभावना को मानते हुए लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि सेना को घाटी में घुसपैठ की कोशिशों की आशंका थी, लेकिन ‘‘अन्य स्थानों पर ऐसी सफल कोशिश हुईं।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)