पुणे, 19 नवंबर महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर की आशंका जताते हुए अधिकारियों से कहा है कि वे अभी निगरानी को कम न करें और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं।
राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा पिछले हफ्ते जारी एक परिपत्र-सह-परामर्श में कहा गया है कि जनवरी-फरवरी में महामारी की दूसरी लहर की आशंका है। उसमें संबंधित अधिकारियों से राज्य में कोविड-19 जांच बढ़ाने के लिए कहा गया है।
उसमें अधिकारियों से संभावित 'सुपर-स्प्रेडर्स' की पहचान करने के लिए कहा है, जिनमें किराने की दुकान चलाने वाले, घर-घर सेवाएं प्रदान करने वाले, परिवहन क्षेत्र में काम करने वाले लोग, मजदूर, हाउसिंग सोसाइटी में तैनात सुरक्षा गार्ड, पुलिस और होमगार्ड इत्यादि शामिल हैं।
परिपत्र में कहा गया, "कई यूरोपीय देश कोविड-19 की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं। इस आधार पर आशंका है कि हमें भी जनवरी-फरवरी में दूसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है।"
राज्य सरकार ने जिला प्रशासनों, नगर निगमों और चिकित्सा अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रयोगशाला जांच में कोई ढिलाई न हो और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी जांच की जाए।
परिपत्र में अधिकारियों से राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फ्लू केंद्रों की मदद से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी वाले लोगों का सर्वेक्षण जारी रखने के लिए कहा है।
स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ. अर्चना पाटिल ने परिपत्र में कहा, "लोगों को मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाने और नियमित तौर पर हाथ धोने जैसे स्वच्छा मानदंडों का पालन करने, सार्वजनिक क्षेत्रों में थूकने से परहेज करने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।"
पुणे के जिलाधिकारी राजेश देशमुख ने पीटीआई- से कहा, "हम किसी भी स्थिति को संभालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हमारे पास सब कुछ है, चाहे जांच की व्यवस्था हो, बुनियादी ढांचा या श्रमशक्ति हो।"
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