देश की खबरें | अकाल तख्त के जत्थेदार ने शिअद से ‘दोषी’ विरसा सिंह वल्टोहा को निष्कासित करने को कहा

अमृतसर, 15 अक्टूबर अकाल तख्त के जत्थेदार ने विरसा सिंह वल्टोहा को सिख धर्मगुरुओं के चरित्र हनन करने का दोषी करार देते हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को निर्देश दिया है कि वह उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दे।

जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने वरिष्ठ शिअद नेता वल्टोहा को तलब किया था। सिंह ने अपनी अध्यक्षता में एक आपातकालीन बैठक की और वल्टोहा के खिलाफ कार्रवाई की।

वल्टोहा को सोमवार को पेश होने का निर्देश गया था। उनसे अपने इस आरोप के समर्थन में सबूत पेश करने को कहा गया था कि शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से संबंधित मामलों में जत्थेदार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) तथा कुछ अन्य लोगों के दबाव में हैं।

वल्टोहा ने कथित तौर पर सिख धर्मगुरुओं द्वारा शिअद प्रमुख को ‘तनखाह’ (धार्मिक दंड) की घोषणा करने में देरी पर सवाल उठाया था।

अकाल तख्त ने 30 अगस्त को सुखबीर को 2007 से 2017 तक उनकी पार्टी की सरकार द्वारा की गई ‘‘गलतियों’’ के लिए ‘तनखैया’ (धार्मिक कदाचार का दोषी) घोषित किया था।

सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ अकाल तख्त के जत्थेदार ने सोमवार को शिअद के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भुंडर को एक फरमान जारी कर वाल्टोहा को 24 घंटे के भीतर पार्टी से निष्कासित करने और उनकी सदस्यता 10 साल के लिए समाप्त करने का निर्देश दिया।

धीरज अविनाश

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