मोहनिया (बिहार), 16 फरवरी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को नरेन्द्र मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि वह रक्षा बजट को सैनिकों के वेतन पर खर्च करने के बजाय एक बड़े व्यापारिक घराने के लाभ के लिए खर्च करने के मकसद से 'अग्निवीर' योजना लेकर आई है।
गांधी ने यह आरोप पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे बिहार के कैमूर जिले के मोहनिया में अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान शुक्रवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए लगाया।
मोहनिया के युवा बड़ी संख्या में सशस्त्र बलों में भर्ती होते हैं और यह अग्निवीर योजना के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन का गवाह रहा था।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘एक अग्निवीर को एक नियमित सेना के जवान के बराबर वेतन और पेंशन नहीं मिलेगी और न ही उसे कैंटीन का लाभ मिलेगा। इससे भी गलत बात यह है कि उन्हें शहीद नहीं माना जाएगा, भले ही वह एक नियमित जवान के समान जुनून के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे।’’
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ऐसा इसलिए है क्योंकि मोदी सरकार रक्षा बजट को सैनिकों के वेतन पर खर्च नहीं करना चाहती है। वह इस राशि को एक कारोबारी घराने के लाभ के लिए खर्च करना चाहती है।’’
गांधी ने यह भी आरोप लगाया, ‘‘यदि आप मीडिया में कवरेज देखें, तो आपको किसानों और हमारे जैसे अन्य लोगों और विपक्षी नेताओं का बहुत कम उल्लेख किया जाता है। आप मोदी को अपने दोस्तों और अमिताभ बच्चन और ऐश्वर्या राय जैसी मशहूर हस्तियों के साथ मंच साझा करते हुए पाएंगे।’’
उन्होंने हाल में ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) गठबंधन छोड़कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हुए बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) अध्यक्ष नीतीश कुमार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘कभी-कभी आप प्रधानमंत्री के बगल में नीतीश कुमार को भी पा सकते हैं।’’
गांधी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण युवा अब सशस्त्र बलों, रेलवे या किसी अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई में रोजगार की तलाश नहीं कर सकते हैं। केंद्र सरकार आप सभी को एक अनुबंधित श्रमिक की स्थिति में लाना चाहती है जिसे इच्छानुसार नौकरी से निकाला जा सकता है।’’
जाति आधारित जनगणना की वकालत करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘आप किसी भी क्षेत्र को देखें और आपको शीर्ष स्तर पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), दलितों और आदिवासियों, जो कुल आबादी का 73 प्रतिशत हैं, का नगण्य प्रतिनिधित्व दिखाई देगा। यह स्थिति तब है जब मैं अल्पसंख्यकों को इसमें नहीं गिन रहा हूं।’’
गांधी ने दावा किया, ‘‘यह स्थिति उच्च न्यायपालिका में भी बनी हुई है। देश के उच्च न्यायालयों में 650 न्यायाधीशों में आबादी में 73 प्रतिशत का योगदान करने वाले इस वर्ग के न्यायाधीशों की संख्या 100 से अधिक नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘दूसरी ओर संविदा मजदूरों या यहां तक कि बेरोजगारों की कोई भी सूची लें। इसमें 73 फीसदी अबादी को समाहित करने वाले वर्ग के लोगों की संख्या सबसे अधिक होगी। आपको सामान्य वर्ग के गरीबों में से भी कुछ लोग मिल सकते हैं।’’
गांधी ने अपने संबोधन की शुरुआत लोगों से यह पूछकर की कि उनका मूड कैसा है। इस अवसर पर गांधी के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ मंच पर मौजूद थे ।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी पार्टी के सदस्यों और लालू जी (तेजस्वी के पिता और राजद अध्यक्ष) जैसे हमारे सहयोगियों में एक विशेषता यह है कि हम हर परिस्थितियों में मुस्कुराते रहते हैं। दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों समेत भाजपा के लोग उदास चेहरा रखते हैं और दूसरों के लिए जहर से भरे हुए लगते हैं। वे उन लोगों के बारे में भी बुरा सोचते हैं जो उनसे सहमत नहीं हैं।’’
गांधी ने कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा ने पूरे देश में नफरत फैलाई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी यात्रा का नारा ‘नफरत के बाजार में मुहब्बत की दुकान’, हमारी सोच को दर्शाता है। हालांकि यह हमारी पार्टी द्वारा गढ़ा नहीं गया था। इसका सुझाव एक आम आदमी ने दिया था जो मेरी पिछली भारत जोड़ो यात्रा से प्रभावित था।’’
इससे पहले गांधी ने निकटवर्ती रोहतास जिले में एक किसान महापंचायत के दौरान किसानों के साथ बातचीत की थी।
अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर दिल्ली में विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों पर ध्यान न देने के लिए मोदी सरकार की आलोचना करते हुए गांधी ने आश्वासन दिया कि अगर उनकी पार्टी कांग्रेस सत्ता में आयी तो एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी देगी।
सं अनवर
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