चंडीगढ़, 10 जनवरी पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के एक प्रतिनिधिमंडल ने चंडीगढ़ प्रशासक के सलाहकार के पद को मुख्य सचिव के रूप में पुन: नामित करने संबंधी केंद्र के फैसले को लेकर शुक्रवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की।
‘आप’ की पंजाब इकाई के अध्यक्ष एवं कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार पंजाब के साथ ‘‘अनुचित व्यवहार’’ कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह मुद्दा पंजाब के प्रति केंद्र के ‘‘भेदभावपूर्ण रवैये’’ को उजागर करता है।
प्रतिनिधिमंडल में अरोड़ा के अलावा मंत्री हरपाल सिंह चीमा, हरभजन सिंह, हरदीप सिंह और बरिंदर गोयल के अलावा आम आदमी पार्टी (आप) के अन्य नेता शामिल थे।
कटारिया (जो चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं) से मुलाकात के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए अरोड़ा ने कहा कि सलाहकार की जगह मुख्य सचिव की नियुक्ति ‘‘केंद्र की पंजाब विरोधी मानसिकता को उजागर करती है।’’
उन्होंने कहा कि ‘आप’ इस फैसले का कड़ा विरोध करती है, क्योंकि यह चंडीगढ़ पर पंजाब के उचित दावे को ‘‘कमजोर’’ करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि पार्टी किसी भी हालत में इस फैसले को स्वीकार नहीं करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में चंडीगढ़ सलाहकार पद का नाम बदलकर मुख्य सचिव कर दिया है। पंजाब के राज्यपाल चंडीगढ़ (पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी) के प्रशासक का प्रभार संभालते हैं।
‘आप’ नेता ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के ‘‘भेदभावपूर्ण’’ व्यवहार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि पंजाब के साथ ऐसा ‘‘अनुचित व्यवहार’’ क्यों किया जा रहा है।
उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों की आलोचना करते हुए कहा कि दोनों दल केंद्र में सत्ता में रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस मामले को सुलझाने के लिए कुछ नहीं किया।
अरोड़ा ने कहा कि राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह उनकी चिंताओं को केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे।
वित्त मंत्री चीमा ने केंद्र सरकार की ‘‘किसान विरोधी नीतियों’’ की आलोचना की।
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