नई दिल्ली: सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा है कि 5जी (5G) प्रौद्योगिकी के स्वास्थ्य (Health) पर प्रतिकूल प्रभाव को लेकर जो चिंता जताई जा रही है, वह पूरी तरह गलत है. अभी तक जो भी प्रमाण उपलब्ध हैं उनसे पता चलता है कि अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी पूरी तरह सुरक्षित है. Juhi Chawla ने भारत में 5G शुरू करने के खिलाफ दायर किया मुकदमा, पर्यावरण सुरक्षा के लिए उठाया ठोस कदम
सीओएआई ने इस बात पर जोर दिया कि 5जी प्रौद्योगिकी ‘पासा पलटने’ वाली होगी और इससे अर्थव्यवस्था और समाज को जबर्दस्त फायदा होगा.
सीओएआई रिलायंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी बड़ी कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है. एसोसिएशन ने कहा कि भारत में दूरसंचार क्षेत्र में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण सीमा को लेकर पहले ही कड़े नियम हैं. वैश्विक रूप से मान्य मानकों की तुलना में भारत में नियम अधिक सख्त हैं.
सीओएआई के महानिदेशक एस पी कोचर ने पीटीआई- से कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर स्वीकार्य मानक की तुलना में भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत विकिरण की अनुमति है. विकिरण और उसके प्रभाव को लेकर जो भी चिंता जताई जा रही है वह सही नहीं है. ये भ्रम फैलाने वाली आशंकाएं हैं. जब भी कोई नई प्रौद्योगिकी आती है, तो ऐसा ही होता है.’’