वाशिंगटन, 15 मार्च: नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA को लागू करने का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद अब ये देशभर में लागू हो गया है. विपक्ष सीएए के खिलाफ विरोध कर रहा है तो वहीं अब इस पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिका ने गुरुवार को कहा कि वह भारत में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को अधिसूचित किए जाने को लेकर चिंतित है और इसके क्रियान्वयन पर निकटता से नजर रख रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम 11 मार्च को जारी की गई नागरिकता (संशोधन) अधिनियम की अधिसूचना को लेकर चिंतित हैं.’’ यह भी पढ़ें: Russia Presidential Election 2024: रूस में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू, व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर बन सकते है प्रेसिडेंट
मिलर ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘हम इस बात पर निकटता से नजर रख रहे हैं कि इस अधिनियम को कैसे लागू किया जाएगा. धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के साथ कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं.’’
CAA पर US ने जताई चिंता
#WATCH | On CAA implementation, US State Department Spokesperson Matthew Miller says, "We are concerned about the notification of Citizenship (Amendment) Act. We are closely monitoring
how this Act will be implemented. Respect for religious freedom and equal treatment under the… pic.twitter.com/55Xhog4Itp
— ANI (@ANI) March 15, 2024
भारत सरकार ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 लागू किया, जिससे 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हो गया.
सरकार ने यह भी कहा है कि सीएए पर भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है और उनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं. भारत सरकार ने कहा है कि सीएए का मकसद नागरिकता देना है और इसकी वजह से देश का कोई नागरिक अपनी नागरिकता नहीं खोएगा.