अमेरिका के आगामी राष्ट्रपति चुनाव से पहले पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश का पर्दाफाश हुआ है. न्याय विभाग ने शुक्रवार को मैनहट्टन की संघीय अदालत में दायर एक आपराधिक शिकायत में इस साजिश के पीछे ईरान के अर्धसैनिक क्रांतिकारी गार्ड के एक अधिकारी का नाम लिया है. आरोप है कि अधिकारी ने एक भाड़े के शूटर को सितंबर में ट्रंप की निगरानी करने और उनकी हत्या की योजना बनाने का निर्देश दिया था.
साजिश का मास्टरमाइंड और उसके खुलासे
इस साजिश का मास्टरमाइंड फरहाद शकेरी नाम का एक शख्स बताया गया है, जो ईरान का सरकारी कर्मचारी है. शकेरी ने ईरान में रहते हुए अमेरिकी FBI एजेंटों के साथ रिकॉर्ड हुई फोन पर बातचीत में साजिश के कुछ अहम पहलुओं का खुलासा किया. उसने बताया कि उसका मकसद अमेरिका में जेल में बंद अपने एक सहयोगी की सजा को कम कराना था.
शकेरी, जो एक अफगानी नागरिक है और बचपन में ही अमेरिका आ गया था, पर डकैती के आरोप में 14 साल की सजा काटने के बाद उसे देश से बाहर कर दिया गया था. अब वह तेहरान में बैठकर भाड़े के हत्यारों का एक नेटवर्क चला रहा है. मैनहट्टन में दायर आपराधिक शिकायत के अनुसार, शकेरी को क्रांतिकारी गार्ड से आदेश दिया गया कि वह ट्रंप पर हमले की साजिश रचे और इसके लिए उसे भारी रकम की पेशकश की गई.
चुनाव के बाद की साजिश और पैसे का खेल
शकेरी ने FBI को बताया कि इस योजना पर भारी खर्च किया गया है और ईरानी अधिकारी ने साफ किया था कि पैसे की कोई कमी नहीं होगी. लेकिन यदि वह सात दिनों के भीतर ट्रंप पर हमला नहीं कर पाता, तो चुनाव के बाद इस योजना पर काम किया जाएगा. अधिकारी का मानना था कि यदि ट्रंप चुनाव हारते हैं, तो उन्हें मारना आसान होगा. हालांकि, शकेरी की ओर से दी गई कुछ जानकारी को गलत पाया गया, लेकिन उसकी हत्या की साजिश और ईरान द्वारा दी जा रही मोटी रकम की पुष्टि हुई है.
ईरानी-अमेरिकी पत्रकार को भी निशाना बनाने की साजिश
शकेरी के साथ इस मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने आरोप लगाया कि शकेरी ने उन्हें प्रमुख ईरानी-अमेरिकी पत्रकार मसीह अलीनेजाद की हत्या के लिए भर्ती किया था. हालांकि, इस साजिश को अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने नाकाम कर दिया. इस मामले पर अलीनेजाद ने चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी और कहा, “यह मेरे खिलाफ तीसरा हमला है. मैं अमेरिका में स्वतंत्रता से जीना चाहती हूं और अत्याचार के खिलाफ लड़ना चाहती हूं.” उन्होंने अमेरिकी सरकार से देश की सुरक्षा को और मजबूत करने की अपील की है.
ट्रंप पर हमलों का इतिहास
डोनाल्ड ट्रंप पर इस प्रकार की साजिशें पहले भी रची जा चुकी हैं. इस साल चुनाव प्रचार के दौरान 13 जुलाई को पेंसिल्वेनिया में उनकी रैली के दौरान फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें एक गोली उनके कान को छूते हुए निकल गई थी. इसके बाद फ्लोरिडा में भी उन पर हमले की कोशिश हुई थी, जब वह पाम बीच काउंटी के इंटरनेशनल गोल्फ क्लब में मौजूद थे.
अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के लिए नई चुनौती
इस मामले का खुलासा अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के लिए गंभीर चुनौती का संकेत है. राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप की सुरक्षा को लेकर एजेंसियां पहले से अधिक सतर्क हो चुकी हैं. ईरान के खिलाफ लगाए गए ये आरोप अमेरिका-ईरान संबंधों में एक नया मोड़ ला सकते हैं और आगे की रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं.