पाकिस्तान में अलगाववादियों और खालिस्तानी सिखों की उपस्थिति चिंताजनक, खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी
करतारपुर गलियारा (Photo Credits: IANS)

पाकिस्तान में अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा जैसे कई देशों से पहुंचे अलगाववादियों और खालिस्तानी तत्वों की मौजूदगी तथा भारत से करतारपुर जाने वाले श्रद्धालुओं से उनकी संभावित मुलाकात भारत के लिए चिंता का विषय है. खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि सिख फॉर जस्टिस (Sikh for Justice) जैसे सिख कट्टरपंथी संगठनों की उनके विभाजनकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करने की योजना है.

एसएफजे को विध्वंसक गतिविधियां अंजाम देने में पंजाब के स्थानीय आतंकवादियों को धन और जरूरी सामान मुहैया कराने में पाकिस्तानी आकाओं का समर्थन प्राप्त है. भारत ने इस पर चिंता जताई है कि पाकिस्तान में कई गुरुद्वारों का इस्तेमाल खालिस्तान-समर्थक विचारों को बढ़ावा देने में किया जा रहा है और कथित सिख रेफरेंडम 2020 से संबंधित पैंपलेट्स के वितरित किए जाने से संबंधित जानकारी साझा की है. एसएफजे के प्रमुख अवतार सिंह पन्नू और गुरपटवंत सिंह पन्नू हैं, जो पृथक खालिस्तान राज्य की मांग करते हैं.

यह भी पढ़ें: करतारपुर कॉरिडोर: जब अचानक लोगों से इमरान खान ने पूछा, हमारा सिद्धू किधर है, वो आ गया..वीडियो हुआ वायरल

पाकिस्तान द्वारा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ), बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई), खालिस्तान कमांडो फोर्स (केजेडएफ) और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) जैसे अन्य प्रतिबंधित संगठनों को पुनर्जीवित किए जाने को लेकर भारत चिंतित है. जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त को खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान के कुछ आतंकवादी संगठन भारत में हथियारों की तस्करी में संलिप्त पाए गए.

खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान से ड्रोन्स के माध्यम से हथियार भारत भेजे जाने से भी चिंतित हैं. भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान से हथियार तस्करी कर लाने वाले दो ड्रोन्स हाल ही में पकड़े गए थे. आतंकवादी हाफिज सईद के सहयोगी और कुख्यात अलगाववादी गोपाल सिंह चावला के करतारपुर साहिब कॉरिडोर की 10 सदस्यीय समिति का सदस्य बनाए जाने पर भी भारत ने पाकिस्तान के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है.

एक नवंबर को जारी करतारपुर पर पाकिस्तान के आधिकारिक वीडियो में जरनैल सिंह भिंडरांवाले समेत खालिस्तानी आतंकवादी और भारत-विरोधी तत्व दिखे थे. साल 1984 में ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उसका सैन्य सहयोगी शाबेग सिंह मारा गया था. वीडियो में प्रतिबंधित 'सिख्स फॉर जस्टिस' संगठन के पोस्टर भी दिखे थे. भारत ने इस वीडियो में दिखे आपत्तिजनक लोगों को लेकर आपत्ति जताई थी.

करतारपुर में दरबार साहिब गुरुद्वारा के निकट 'भारतीय बम' पर एक पोस्टर की मौजूदगी से भी भारत की भौंहें तनी हैं. दावा किया गया है कि वह बम भारतीय वायुसेना ने 1971 के युद्ध के दौरान तीर्थस्थल पर गिराया था. पोस्टर में उर्दू, गुरुमुखी और अंग्रेजी में लिखा है, "वाहे गुरु जी का चमत्कार." बम को सिखों के लिए पवित्र खंडा से सजे एक छोटे खंबे के ऊपर शीशे के अंदर रखा गया है.