पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट का आदेश- निजी चैनलों पर बंद हो भारतीय फिल्मों और सीरियल्स का प्रसारण
पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: Wikipedia)

इस्लामाबाद: पाकिस्तान की हालत खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे जैसी हुई है. पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की कुटनीतिक और सामरिक हमले से पाकिस्तान खिसियाया हुआ है. ऐसे में पाकिस्तान की इमरान सरकार किसी भी तरह से भारत को नुकसान पहुचाने का मौका तलाश रही है. इसी क्रम में पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय फिल्मों और सीरियल्स को दोबारा प्रतिबंधित कर दिया है.

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर भारतीय कार्यक्रम नहीं दिखाने का आदेश दिया है. पाक की शीर्ष कोर्ट टीवी चैनलों पर भारतीय कार्यक्रमों के प्रसारण पर पाबंदी के उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (पेमरा) की अपील पर सुनवाई करते वक्त यह फैसला सुनाया है.

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्थानीय टीवी चैनलों पर प्रसारित होने वाली भारतीय सामग्रियों पर एक बार फिर से रोक लगाने का आदेश देते हुए स्पष्ट किया कि प्राधिकारी सिर्फ उचित सामग्री का प्रसारण करे. निसार ने कहा कि वे हमारे बांधों के निर्माण को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं और हम क्या उनके चैनलों को प्रतिबंधित भी नहीं कर सकते हैं.

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गौरतलब हो कि 26 फरवरी को पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने भारतीय फिल्मों के साथ-साथ 'मेड इन इंडिया' विज्ञापनों के बहिष्कार की घोषणा की. चौधरी ने ट्वीट कर कहा, "सिनेमा एक्जिबिटर एसोसिएशन ने भारतीय कंटेंट का बहिष्कार किया है. इसके साथ पाकिस्तान में अब कोई भारतीय फिल्म रिलीज नहीं होगी. इसके अलावा पीईएमआरए को 'मेड इन इंडिया' विज्ञापनों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है."

दरअसल पेमरा ने 2016 में स्थानीय टीवी चैनलों और एफएम रेडियो पर भारतीय सामग्री के प्रसारण पर पाबंदी लगाई थी जिसे लाहौर हाईकोर्ट ने 2017 में खारिज कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि इस संबंध में पाकिस्तान की तब की सरकार को कोई ऐतराज नहीं था.