पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) आतंक के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम हैं लेकिन अपने पत्रकारों और संस्थाओं के खिलाफ इमरान सरकार की कार्रवाई जारी है. इमरान सरकार ने लगभग एक दर्जन से ज्यादा पत्रकारों और संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए FIA (Federal Investigation Agency) को आदेश दिए हैं. इन पत्रकारों और संस्थाओं पर आरोप है कि इन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की यात्रा के दौरान वाशिंगटन पोस्ट के जर्नलिस्ट जमाल खशोगी का फोटो अपने सोशल मीडिया की डीपी पर लगाकर खाशोगी की हत्या का विरोध किया था.
इमरान सरकार का कहना है कि इन पत्रकारों और संस्थाओं ने सोशल मीडिया पर मोहम्मद बिन सलमान को निशाना बनाकर अभियान चलाया था. जिससे मेहमान-ए-खुसूसी के साथ बेअदब व्यवहार हुआ और पाकिस्तान सरकार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. दरअसल वाशिंगटन पोस्ट के जर्नलिस्ट जमाल खशोगी रहस्यमय ढंग से लापता हो गए थे. इसके बाद खशोगी की हत्या की खबरें सामने आई. यह भी पढ़ें- भारत के बाद अफगानिस्तान ने भी की इमरान खान की किरकिरी, अमेरिका ने भी चुप रहने की दी सलाह
पत्रकार हत्या मामले में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का नाम सामने आया. खबरें आई कि जमाल खाशोगी की हत्या क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के इशारे पर की गयी थी और फिर शव गायब करवा दिया गया. हालांकि इसके बाद इन सभी खबरों से इनकार भी किया गया.
बाद में सऊदी अरब के सरकारी अभियोजक ने निष्कर्ष निकाला कि एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने जमाल खशोगी की हत्या का आदेश दिया, न कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने. सरकारी वकील के कार्यालय के एक प्रवक्ता ने इससे इनकार किया कि क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को इस हत्या के बारे में जानकारी थी. हालांकि इस बीच खबर यह भी आई कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप से बेहतर रिश्तों के कारण क्राउन प्रिंस इस मामले को दबाने में सफल रहे.