Israel-Hamas War: हमास के साथ जंग के बीच इजराइल के लिए चुनौती बन रहा लेबनान, सीरिया भी कर रहा हमला
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Israel-Hamas War: इजराइल और हमास में जारी युद्ध के बीच लेबनान और सीरिया इजराइल के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं. हमास की हिमाकत के बाद इजराइल गाजा में तबाही मचा रहा है लेकिन इजराइल के पड़ोसी देश भी अब हमले पर उतर आए हैं. हमास ने जब शनिवार को इजराइल पर हमला किया, इसके कुछ घंटे बाद ही लेबनान के आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह ने दक्षिण लेबनान से इजराइल पर हमला किया. रविवार को भी हिज्बुल्लाह ने रॉकेट दागे. इसके जवाब में इजराइल ने भी जबरदस्त पटलवार किया. Israel-Hamas War: क्या अब जंग में टिक पाएगा हमास? इजरायली एयरफोर्स ने तबाह किया एडवांस डिटेक्शन सिस्टम.

इजराइल की सेना ने कहा, 'लेबनान से इजराइल पर मिसाइल दागी गई, मिसाइल को हमारी सेना की पोस्ट पर दागा गया है." इस बीच इजराइल ने 60 लाख की आबादी वाले लेबनान की सामा के पास अपने टैंक भी तैनात कर दिए हैं.

लेबनान में भी डर के साये में लोग

इजराइल से संघर्ष के बीच लेबनान के नागरिकों में भी डर का माहौल है. सैकड़ों लोग अपने घरों के अंदर रहने या बेरूत के अन्य शहरों की ओर भागने के लिए मजबूर हो गए हैं. दरअसल हिज्बुल्लाह हमास के समर्थन में इजरायल पर हमला कर रहा है जिसके जवाब में इजराइल भी लेबनान पर वार कर रहा है.

सीरिया भी कर रहा हमला

इजराइली सेना ने कहा कि वह सीरिया की ओर से की गई गोलाबारी के जवाब में तोपों से गोले दागने के साथ ही मोर्टार भी दाग रही है. इजराइली सेना ने मंगलवार को कहा कि सीरिया से गोले दागे गए और ऐसा प्रतीत होता है कि गोले एक खुले क्षेत्र में गिरे हैं. उसने कहा कि यह गोलाबारी ऐसे समय में सामने आयी है जब इजराइल हमास के हमले के जवाब में गाजा में हमले कर रहा है और लेबनानी हिजबुल्ला के साथ गोलीबारी जारी है.

गाजा पर होगा जमीनी हमला?

एक बड़ा सवाल यह है कि क्या इजराइल गाजा पर जमीनी हमला करेगा. गाजा इजराइल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच भूमि की 40 किलोमीटर लंबी पट्टी है जिसमें 23 लाख लोग रहते हैं और यह 2007 से हमास द्वारा शासित है. मंगलवार को, गाजा सिटी का रिमल इलाके का एक बड़ा हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया है जहां पर पिछली रात युद्धक विमानों ने घंटों तक बमबारी की थी. सं

युक्त राष्ट्र ने कहा कि गाजा में 2,00,000 से अधिक लोग अपने घर छोड़कर भाग गए हैं, जो कि 2014 में इजराइल के हवाई और जमीनी हमले के बाद से, पलायन करने वालों की सबसे अधिक संख्या है. अधिकांश लोग फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी द्वारा संचालित स्कूलों में आश्रय ले रहे हैं.