Israel Gaza War: सीआईए व मोसाद प्रमुख अस्थायी युद्धविराम के लिए कतर के प्रधानमंत्री से मिलेंगे
Israel-Palestine War

तेल अवीव, 26 जनवरी : अमेरिकी जासूसी एजेंसी, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) के निदेशक और इजराइल जासूसी एजेंसी, मोसाद के प्रमुख गाजा पट्टी में चल रहे इजराइल-हमास युद्ध में अस्थायी युद्ध विराम के लिए यूरोपीय राजधानी में कतर के प्रधान मंत्री से मुलाकात करेंगे. बैठक में अस्थायी युद्धविराम के साथ-साथ हमास की कैद में मौजूद इजरायली बंधकों की रिहाई पर भी चर्चा होगी. हिब्रू मीडिया के अनुसार, इस मौके पर शिन बेट और मिस्र खुफिया विभाग के प्रमुख भी मौजूद रहेंगे.

सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स और मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया कतर के प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी से मुलाकात हमास द्वारा रखे गए शेष 132 बंधकों की रिहाई और गाजा पट्टी में लड़ाई को रोकने पर चर्चा करेंगे. . व्हाइट हाउस के मध्य पूर्व के जार ब्रेट मैकगर्क इसी विषय पर बातचीत के लिए इस सप्ताह कतर और मिस्र में थे. बंधक वार्ता पर चर्चा के लिए इज़राइल की युद्ध कैबिनेट की गुरुवार रात तेल अवीव में किर्या सैन्य मुख्यालय में बैठक हुई. यह भी पढ़ें : ऑस्ट्रेलिया में समुद्र में डूबने से चार भारतीयों की मृत्यु के बाद समुदाय में शोक की लहर

बैठक में आईडीएफ बंधक दूत नित्ज़न एलोन और पीएमओ बंधक समन्वयक गैल हिर्श भी उपस्थित थे. बर्न्स और बार्निया कतरी और मिस्र के अधिकारियों के साथ पिछली बैठक में शामिल थे, इसके कारण प‍िछले सा 24 नवंबर और 1 दिसंबर के बीच अस्थायी सप्ताह भर का युद्धविराम हुआ, इसमें 105 बंधकों को मुक्त कराया गया. शेष बंधकों, जिनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं, को रिहा करने के लिए एक और समझौते को सुरक्षित करने के प्रयासों के बाद से कोई वांछित परिणाम नहीं निकला है.

इजराइल रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि जहां इजराइल एक महीने के युद्धविराम के लिए तैयार है, वहीं हमास युद्ध का स्थायी अंत चाहता है जिसे इजराइल ने खारिज कर दिया है. हमास ने गाजा पट्टी से इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) की वापसी पर भी जोर दिया है, जिसे इज़राइल पूरी तरह से नकार दिया है. प‍िछले साल 7 अक्टूबर को, हमास के आतंकवादियों ने दक्षिणी इज़राइल में हमला किया और 1,200 लोगों की हत्या कर दी, 240 लोगों का अपहरण कर लिया था. इनमें से 105 बंधकों को 24 नवंबर से 1 दिसंबर तक एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान रिहा किया गया था.