सऊदी अरब: भारत (India)देश से हर साल सैकड़ों लोग सऊदी अरब (Saudi Arabia) काम की तलाश में जाते है और कई लोग एजेंट के ट्रैप में फंस जाते है और वहां जाने के बाद उनका पासपोर्ट भी ले लिया जाता है और उनपर अत्याचार किए जाते है. ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जहांपर प्रयागराज (Prayagraj) जिले का 24 साल का एक युवक जिसका नाम इंद्रजीत भारती है, वह सऊदी अरब में फंस चूका है और उसने एक वीडियो जारी कर लोगों से और भारत सरकार से मदद मांगी है. उसने बताया की उसे रेगिस्तान में ऊंट चराने के लिए मजबूर किया जा रहा है. उसने बताया की उसे 1 अक्टूबर को नौकरी करने के लिए रियाद लाया गया था और अब उसे एक सुनसान रेगिस्तान में ऊंट चराने के काम पर लगाया गया है.
इस दौरान उसने रोते हुए मदद की गुहार लगाई है. इस वीडियो (Video) को सोशल मीडिया X पर @ddaagajnews नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:VIDEO: ‘मुझे बचाइए, वे मुझे मार देंगे’, कुवैत में फंसी भारतीय महिला का हुआ शोषण, वीडियो के जरिए लगाई मदद की गुहार
प्रयागराज का युवक सऊदी अरब में फंसा
🚨 प्रयागराज का इंद्रजीत सऊदी अरब में फंसा!
पासपोर्ट जब्त, ऊंट चराने पर मजबूर 😢
अब वीडियो जारी कर PM मोदी से लगाई गुहार 🇮🇳#Prayagraj #SaudiArabia #HelpIndrajit #IndianWorker #PMModi #ViralVideo #ddaagajnews pic.twitter.com/DES2bQaP6i
— DD AAGAJ NEWS (@ddaagajnews) October 24, 2025
रोते हुए मां को किया याद
उसने बताया की इलाहाबाद जिले के शेखपुरवा का वह रहनेवाला है. उसने रोते हुए बताया की ,'वह सऊदी आया हुआ है और उसका पासपोर्ट ले लिया गया है. उसने बताया की जब वह घर जाने के लिए कहता तो उसे मारने की धमकी दी जाती है. इस दौरान युवक कहता है की ,' आप हिंदू हो या मुसलमान हो, कोई भी मदद करें. इस दौरान युवक कहता है, मैं मर जाऊंगा, मुझे मेरी मां के पास जाना है. फिर युवक कहता है की ,' ये वीडियो इतना शेयर करों की, प्रधानमंत्री तक ये वीडियो जानी चाहिए.
परिवार में चिंता और डर का माहौल
इंद्रजीत के पिता जो एक राजमिस्त्री हैं, ने बताया कि यह उनका पहला विदेश दौरा है और बेटा बेहद डरा और अकेला है. परिवार का कहना है कि वह संपर्क में है, लेकिन उसकी स्थिति को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है.
प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर फिर सवाल
यह घटना भारतीय प्रवासी मजदूरों (Indian Migrant Laborers) की सुरक्षा और अधिकारों को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है. विदेश मंत्रालय और दूतावास से अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह मामला एक बार फिर विदेशों में मजदूरों के शोषण के मुद्दे को सामने लाता है.













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