भारत ने पाकिस्तान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जब यह खबर सामने आई कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर ने पाकिस्तान के बहावलपुर में एक सार्वजनिक सभा में भाषण दिया. भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने पाकिस्तान से मसूद अजहर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, क्योंकि वह एक यूएन-नामित वैश्विक आतंकवादी है और भारत में कई घातक आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा, "अगर रिपोर्ट सही है, तो यह पाकिस्तान की द्वैतीयता को उजागर करता है. पाकिस्तान हमेशा यह दावा करता रहा है कि मसूद अजहर पाकिस्तान में नहीं है, लेकिन यदि वह सार्वजनिक रूप से भाषण दे रहा है, तो यह दिखाता है कि पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. हम चाहते हैं कि पाकिस्तान उसे न्याय के कठघरे में लाए."
मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2019 में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था. वह 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले, 2019 में पुलवामा हमले, 2001 में जम्मू और कश्मीर विधानसभा पर हमले, 2016 में पठानकोट हमले और कई अन्य आतंकवादी हमलों में शामिल था. इसके अलावा, वह जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक भी हैं, जिसे पहले अल-कायदा और तालिबान से जुड़ा हुआ माना जाता था.
भारत ने 1994 में मसूद अजहर को गिरफ्तार किया था, लेकिन 1999 में हुए आईसी-814 विमान अपहरण के दौरान उसे आतंकवादियों के बदले रिहा करना पड़ा. इसके बाद उसने जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की और पाकिस्तान में अपनी गतिविधियां बढ़ाईं. भारत लगातार पाकिस्तान से यह मांग करता रहा है कि वह मसूद अजहर और अन्य आतंकवादियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे.
इस नई रिपोर्ट ने पाकिस्तान के आतंकवाद के प्रति गैर-जिम्मेदार रवैये को और भी स्पष्ट कर दिया है, और भारत ने पाकिस्तान से उसकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का पालन करने की मांग की है.