न्यूयॉर्क: पुलवामा आतंकवादी हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद भारत-अमेरिका की पहली आमने-सामने की उच्च स्तरीय बैठक में विदेश मंत्री माइक पोम्पियो (Mike Pompeo) और विदेश सचिव विजय गोखले (Vijay Gokhale) ने हमले के जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाने और पाकिस्तान द्वारा अपनी सरजमीं पर संचालित हो रही आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए आतंकी समूहों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने की जरूरत पर सोमवार को चर्चा की.
अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पैलाडिनो ने यह जानकारी दी. वॉशिंगटन में सोमवार सुबह बैठक के दौरान पोम्पियो ने जोर देकर कहा कि "अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के लोगों और सरकार के साथ खड़ा है."
वॉशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, "पोम्पियो ने सीमा पार आतंकवाद के संबंध में भारत की चिंताओं के बारे में अपनी सोच व्यक्त की. वे इस बात सहमत हुए कि पाकिस्तान को आतंकवादी ढांचे को खत्म करने और अपने क्षेत्र में सभी आतंकवादी समूहों को सुरक्षित पनाहगाह देने से इनकार करने के लिए ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है. वे इस बात पर भी सहमत हुए कि जो लोग किसी भी रूप में आतंकवाद को समर्थन या बढ़ावा देते हैं, उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए."
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बयान में कहा गया कि गोखले ने पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद अमेरिका से भारत को मिले समर्थन के लिए व्यक्तिगत रूप से अमेरिकी सरकार और पोम्पियो की सराहना की. दूतावास ने कहा कि उन्होंने क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों के बारे में भी पोम्पियो को अवगत कराया.
पिछले महीने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर किए गए आत्मघाती हमले में 45 से ज्यादा भारतीय सुरक्षाबल के जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत-पाकिस्तान के बीच संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए.