जैश-ए-मोहम्मद के टेरर नेटवर्क और लाल किला ब्लास्ट केस की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को एक बड़ी कामयाबी मिली है. जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) और स्पेशल ऑप्स ग्रुप (SOG) ने मिलकर एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया है.
कौन है तुफैल अहमद?
पकड़े गए संदिग्ध का नाम तुफैल अहमद है. वह पेशे से बिजली मिस्त्री (इलेक्ट्रिशियन) है. वैसे तो तुफैल श्रीनगर के बटमालू इलाके का रहने वाला है, लेकिन वह पुलवामा के एक इंडस्ट्रियल एरिया में काम करता था. वहीं से पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है. पूछताछ में पुलिस को कई ऐसे सुराग मिले हैं जो इशारा करते हैं कि वह लाल किला हमले की साजिश में शामिल था.
डॉक्टर उमर तक कैसे पहुंची AK-47?
जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस को शक है कि तुफैल अहमद ही वह शख्स है जिसने आतंकी डॉक्टर उमर को AK-47 राइफल मुहैया कराई थी. यह तब की बात है जब डॉक्टर उमर श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज (GMC) में था.
तुफैल और डॉक्टर उमर की मुलाकात तब हुई थी जब वे दोनों एक ही इलाके में किराए पर रहते थे. आपको बता दें कि यही AK-47 राइफल हाल ही में अनंतनाग मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर अदील के लॉकर से बरामद हुई थी.
पाकिस्तानी हैंडलर की तलाश
अब जांच एजेंसियां उस कड़ी को जोड़ रही हैं कि तुफैल के पास यह खतरनाक हथियार कहां से आया. पुलिस को उस पाकिस्तानी हैंडलर की तलाश है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि उसने ही यह ऑटोमैटिक राइफल तुफैल तक पहुंचाई थी.
एक और डॉक्टर हिरासत में
इस मामले में एक और कार्रवाई हुई है. SIA ने शोपियां के रहने वाले एक डॉक्टर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है. यह डॉक्टर श्रीनगर के 'बोन एंड जॉइंट हॉस्पिटल' में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर काम कर रहा था और डॉक्टर उमर का काफी करीबी माना जाता है.













QuickLY