इस्लामाबाद: क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. देश में हुए आम चुनावों में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक- ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थी. इमरान अपने प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार शाहबाज शरीफ को इस दौड़ में हराकर प्रधानमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे हैं. शपथ ग्रहण समारोह में इमरान काले रंग की शेरवानी में थे. उनके साथ उनकी पत्नी बुशरा इमरान भी थीं. इस दौरान देश-विदेश के कई प्रमुख नेता पाकिस्तान के राष्ट्रपति भवन में मौजूद थे. भारत से पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंग सिद्धू ने भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की.
1952 में लाहौर में जन्मे इमरान अपने समय के सबसे लोकप्रिय क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक थे. उनकी कप्तानी में ही पाकिस्तान की टीम साल 1992 में विश्व कप जीती थी. वह अपने समय के सबसे बडे ऑल-राउंडर थे.
विवादों में रहे है इमरान खान
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान सर्वे में बड़ा चेहरा बनकर भले ही सामने आ रहे हैं, मगर उनका निजी जीवन विवादों से भरा रहा हैं. इमरान अब तक तीन शादी कर चुके हैं. तीसरी पत्नी का नाम बुशरा है जिसके साथ वे रह रहे हैं. उनकी दूसरी पत्नी रेहम खान ने चुनाव से पहले अपनी एक किताब का विमोचन किया जिसमें उन्होंने इमरान पर कई सनसनीखेज इलजाम लगाए. उन्होंने इमरान खान को ड्रग्स का आदी और झूठा आदमी बताया था.
रेहम के मुताबिक इमरान खान का कई लड़कियों के साथ अवैध शारीरिक संबंध भी है. वे समलैंगिग है ड्रग्स लेते है. उसने तो इमरान खान के बारे में एक बडा खुलासा किया है कि अवैध संबंध से उनके पांच बच्चे है भारत में पल रहे हैं.
इमरान खान का राजनीतिक सफर
क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद इमरान ने साल 1996 में अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ का गठन किया. इसके एक साल बाद ही पाकिस्तान में आम चुनाव हुए जिसमें उनकी पार्टी को किसी भी सीट पर सफलता हासिल नही मिली. दूसरा चुनाव 2002 में हुआ उस चुनाव में भी उनकी पार्टी को कुछ खास कामयाबी नहीं मिल सकी. इमरान सिर्फ अपनी ही सीट जीत सके.
इन चुनावों में उन्हें प्रधानमंत्री पद का सबसे प्रबल दावेदार माना जा रहा है. पाकिस्तानी मीडिया की माने तो इस बार पाक सेना इमरान को तख़्त पर बिठाना चाहती है. इमरान खान भी कई मौकों पर सेना के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं.
हमेशा की तालिबान से वार्ता की वकालत:
इमरान खान ने हमेशा ही तालिबान से बात करने की वकालत की है. इमरान ने अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा की जा रही हिंसा को सही ठराया है. उनके विरोधी उन्हें तालिबान खान भी कहते हैं. वे हमेशा से ही अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की धरती इस्तेमाल कर तालिबान पर हमला करने के विरोधी रहे हैं.
चुनाव के मुद्दे:
इमरान खान ने इस बार चुनाव प्रचार के दौरान नए पाकिस्तान के निर्माण की बात कही हैं. उन्होंने देश में बेहतर स्कूल, बेहतर अस्पतालों, बेहतर नौकरियों और बुनियादी ढांचे बनाने का वादा किया है. उन्होंने भ्रष्टाचार को पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए इसे जड़ से मिटने की बात कही हैं.
पूर्व पाकिस्तानी खिलाडियों ने किया समर्थन:
इमरान खान को वकार और वासिम जैसे पूर्व खिलाडियों का भी समर्थन मिल रहा है. दोनों ने इमरान खान के समर्थन में ट्वीट किया है.
It was in your leadership skip @ImrankhanPTI that we became world champions in 1992. It is in your leadership that we can again become a great democratic country. #voteforkapatan#nayapakistan
— Wasim Akram (@wasimakramlive) July 21, 2018
You have got what it takes Skipper @ImranKhanPTI but it will take everything you have...No one can doubt your Honesty and thats what is require in our country...An honest LEADER #BehindYouSkipper
— Waqar Younis (@waqyounis99) July 21, 2018
बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा की पकिस्तान की अवाम इमरान का समर्थन करती हैं या इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ता है.