इंदौर/परभणी, 11 मार्च : पाकिस्तान (Pakistan) से 2015 में भारत लौटी गीता को महाराष्ट्र (Maharashtra) की 70 वर्षीय महिला ने अपनी बेटी बताया है और कुछ ब्योरों का मिलान होने के बाद उम्मीद जागी है कि गीता को उसका खोया परिवार वापस मिल सकता है. हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि वैज्ञानिक रूप से यह बात डीएनए जांच के बाद ही साबित हो सकेगी कि यह महिला गीता की जैविक मां है या नहीं.
अधिकारियों के मुताबिक, मध्यप्रदेश (Maharashtra) के सामाजिक न्याय एवं नि:शक्त जन कल्याण विभाग ने दिव्यांगों की मदद के लिये इंदौर में चलाई जा रही ‘आनंद सर्विस सोसायटी’ को गीता की देख-रेख और उसके बिछड़े परिवार की खोज का जिम्मा सौंपा है. गीता न तो सुन सकती है और न ही बोल सकती है. यह भी पढ़ें : Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर के बडगाम में सीआरपीएफ जवान ने खुदकुशी की
संगठन के सांकेतिक विशेषज्ञ ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-’ को बताया कि गीता महाराष्ट्र के परभणी की गैर सरकारी संस्था ‘पहल’ फाउंडेशन के परिसर में रहकर कौशल विकास का प्रशिक्षण ले रही है.