Coronavirus: जापान तट के पास खड़े क्रूज पोत पर एक और भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित
कोरोनावायरस का प्रकोप (Photo Credits: ANI)

तोक्यो. जापान तट के पास अलग-थलग खड़े क्रूज पोत पर एक और भारतीय कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है जिसे अस्पताल भेज दिया गया है. इसके साथ ही ‘डायमंड प्रिंसेस’ नाम के इस पोत पर इस विषाणु से संक्रमित होने वाले भारतीयों की संख्या आठ हो गई है. पोत गत तीन फरवरी को तोक्यो के नजदीक योकोहामा पहुंचा था जिसमें सवार 3,711 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से 621 लोग घातक कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. पोत में विषाणु संक्रमण का तब पता चला जब पिछले महीने इससे हांगकांग में उतरा एक यात्री इस विषाणु से संक्रमित मिला, ‘डायमंड प्रिंसेस’ में से 138 भारतीय थे जिनमें चालक दल के 132 सदस्य और छह यात्री शामिल थे. यहां स्थित भारतीय दूतावास ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘डायमंड प्रिंसेस पर कल सामने आए सीओवीआईडी-19 के 79 नए मामलों में संक्रमित मिले चालक दल के एक भारतीय सदस्य को भी उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.’’पूर्व में पोत पर सात भारतीय ‘सीओवीआईडी-19’ से पीड़ित पाए गए थे.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस से होने वाली बीमारी को ‘सीओवीआईडी-19’ नाम दिया है. दूतावास ने कहा कि संक्रमित भारतीयों पर इलाज का अच्छा असर हो रहा है. इस बीच, संक्रमणमुक्त लोगों ने 14 दिन तक पृथक रहने के बाद बुधवार को पोत छोड़ना शुरू कर दिया. जापान टुडे अखबार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी के हवाले से कहा कि 500 अन्य यात्रियों ने गुरुवार को पोत छोड़ा, जबकि 100 अन्य लोग अपने घरों के लिए चार्टर्ड विमानों से उड़ान भरने वाले हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि संक्रमणमुक्त पाए गए लोगों के पहले जत्थे ने बुधवार को पोत छोड़ा. यह भी पढ़े-Coronavirus: वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आगे आया WHO

भारतीय दूतावास ने पूर्व में कहा था कि 14 दिन पृथक रहने की अवधि पूरी होने के बाद वह सभी भारतीयों को पोत से उतारने के प्रयास कर रहा है और इसके तौर तरीकों तथा भारतीयों के भले के लिए जापान सरकार तथा पोत प्रबंधन कंपनी के साथ चर्चा जारी है.

कोरोना वायरस के प्रकोप की शुरुआत चीन से हुई थी जहां 114 अन्य लोगों की मौत के साथ इस विषाणु से मरनेवालों की संख्या गुरुवार को 2,118 हो गई. मरने वाले ज्यादातार लोग चीन के सर्वाधिक प्रभावित हुबेई प्रांत के निवासी थे. विषाणु चीन के हुबेई प्रांत से शुरू होकर भारत सहित 25 से अधिक देशों में फैल चुका है.