अमेरिका और ईरान की मौजूदा तनातनी के बीच केन्या में अमेरिकी आर्मी बेस पर आतंकी हमले की खबर है. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन अल-शबाब ने ली है. आतंकी संगठन अल-शबाब ने रविवार सुबह यह हमला किया. हमला केन्या के लामू काउंटी में हुआ. यह केन्या और अमेरिका का संयुक्त मिलिट्री बेस है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हमले के बाद दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई. अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में आत्मघाती हमलावर का प्रयोग किया गया. अल शबाब अल कायदा से जुड़ा हुआ एक आतंकी संगठन है है. अल शबाब केन्या के नजदीक के देश सोमालिया में बेहद सक्रिय संगठन है. अल शबाब का अफ्रीकी देश के कुछ हिस्सों पर प्रभुत्व है.
हमले में कितने लोग मारे गए या जान माल को लेकर क्या नुकसान हुआ है, इसे लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इससे पहले शनिवार देर रात को इराक में अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट और मोर्टार से हमला हुआ. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को कड़े लहजे में चेतावनी दी है. ट्रंप ने कहा है कि यदि फिर से हमला किया गया तो अंजाम पहले से अधिक भयावह होगा. दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है.
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डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, "मेरे नेतृत्व में आतंकवादियों के प्रति अमेरिका की नीति स्पष्ट है, जिन्होंने भी किसी अमेरिकी को नुकसान पहुंचाया है या ऐसा करने की सोच रहे हैं. हम तुम्हे तलाशेंगे करेंगे और तुम्हारा खात्मा करेंगे. हम हमेशा अपने राजनयिकों और अपने लोगों की रक्षा करेंगे."
वहीं शनिवार सुबह ईरान की मस्जिद पर लाल झंडा दिखा. लाल झंडे का मतलब होता है युद्ध का ऐलान. कहा जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है, जब ईरान ने इस तरह से मस्जिद पर लाल झंडा फहराया हो. माना जा रहा है कि कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अब ईरान ने युद्ध का ऐलान कर दिया है.