Year Ender 2019: इस साल ऑनलाइन फ्रॉड में भी हुई बढ़ोतरी, धोखेबाजों ने जनता को इन तरीकों से लगाया चूना
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

बिना इंटरनेट (Internet) के आज के इस आधुनिक दुनिया की कल्पना करना मुश्किल है. दुनिया का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जो आज इंटरनेट से अछूता होगा. ऑनलाइन दुनिया ने सचमुच हमारी उंगलियों पर सब कुछ ला दिया है. लेकिन इन सबके बीच आज इंटरनेट तेजी से फ्रॉड करने का जरिया भी बनता जा रहा है. साल 2019 में कई ऐसे ऑनलाइन फ्रॉड (Online Fraud) के मामलें सामने आए, जिसने सरकार और जनता दोनों को सोचने पर मजबूर कर दिया.

इस साल ऑनलाइन धोखाधड़ी में भारी वृद्धि हुई. जालसाजों ने लोगों को ठगने और उनकी कमाई को हड़पने के लिए नए-नए तरीके ईजाद किए. ऑनलाइन भुगतान करने से लेकर ऑनलाइन पुरानी वस्तुओं को बेचने तक को सहारा बनाकर लोगों को खूब ठगा गया. Year Ender 2019: इन शख्सियतों ने दुनिया को कहा अलविदा! बाकी रह गईं सिर्फ यादें

Google पर फर्जी नंबर डालना-

दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल हमारे दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों का एक हिस्सा बन गया है. हमारे लगभग हर सवाल का जवाब यहां सेकंडभर में आसानी से मिल जाता है. इसी निर्भरता को धोखेबाजों ने पैसे ऐठने का तरीका बना लिया. इसके जरिए ऑनलाइन ही लाखों रुपये की लूट करने लगे. अपने मंसूबों के लिए गूगल पर प्रसिद्ध जगहों के फर्जी नंबर डाले गए. और जब कोई इन नंबरों पर कॉल करता तो उन्हें झांसा देकर ठगा जाता था.

केवाईसी अपडेट के नाम पर धोखा-

कई बैकों समेत पेटीएम (Paytm) केवाईसी अपडेट के नाम पर भी लोगों को ठगा गया. कई ऐसे मामलें सामने आए जहां लोग फर्जी कॉल/मैसेज/ईमेल को सच मानकर जाल में फंस गए और अपना पैसा गंवा दिया. अधिकतर मामलों में धोखेबाज कॉल करते है और पीड़ित को उनके बैंक का केवाईसी अपडेट करने के बहाने गोपनीय जानकारियां हासिल कर लेते है. फिर पीड़ित के बैंक खाते से सीधे पैसे निकाल लिए जाते है. कुछ मामलों में मोबाइल पर एक फ़िशिंग लिंक भेजा गया, जिस पर क्लिक करते ही पीड़ित की लेनदेन की जानकारियां चुरा ली गई.

OLX / Quikr घोटाले-

जब ऑनलाइन पुरानी चीजों को खरीदने और बेचने की बात आती है, तो हम OLX और Quikr जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का रुख करते है. यहा भी कई बेहद शातिर ठग एक्टिव है जो पहले आपका विश्वास जीतते हैं फिर सामान खरीदने या बेचने के एवज में रकम वसूलते है. पीड़ित जब तक कुछ समझ पता है, तब तक रुपए ठग के एकाउंट में ट्रांसफर हो चुके होते हैं.