नासा ने चेतावनी दी है कि 180 फीट का एक विशालकाय उल्कापिंड धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है! यह उल्कापिंड 33644 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. यह उल्कापिंड 2024 MG1 नाम से जाना जाता है और यह 21 जुलाई, 2024 को 2,640,000 किलोमीटर की दूरी से धरती के पास से गुजरेगा.
इस उल्कापिंड को पृथ्वी के निकट वस्तु (NEO) के रूप में वर्गीकृत किया गया है और यह अपोलो ग्रुप के उल्कापिंडों से संबंधित है. यह उल्कापिंड पहली बार 1953 में खोजा गया था, जब इसकी धरती के पास आने की घटना दर्ज की गई थी. इस उल्कापिंड की गति अभी भी बहुत खतरनाक है, और अगर यह धरती से टकराता है, तो यह एक भयावह तबाही लाएगा.
उल्कापिंड 2024 MG1: एक नजर में
विवरण | जानकारी |
घटना | धरती के पास से उल्कापिंडों के गुजरने का व्यस्त दिन |
निकटतम दृष्टिकोण | सबसे निकट उल्कापिंड की दूरी: 779,000 किलोमीटर |
उल्कापिंड | 2024 MG1 |
आकार | 180 फीट का विशाल उल्कापिंड |
धरती के पास आने की तारीख | 21 जुलाई, 2024 |
वर्गीकरण | पृथ्वी के निकट वस्तु (NEO), अपोलो समूह |
खोज | 1953 में खोजा गया |
गति | 33,644.94 किलोमीटर/घंटा (वर्तमान गति) |
उल्कापिंड धरती से टकराया तो क्या होगा?
इस आकार का उल्कापिंड इस रफ्तार से धरती से टकराने पर लगभग 1 मील चौड़ा और 1000 फीट गहरा गड्ढा बनाएगा. अगर यह किसी शहर पर गिरता है, तो लगभग 2000 लोगों की मौत हो सकती है. इस उल्कापिंड के धरती से टकराने का प्रभाव 8 मेगाटन टीएनटी के विस्फोट के बराबर होगा. इस उल्कापिंड के विस्फोट से जो ऊर्जा निकलेगी, वह तुंगुस्का घटना से बहुत ज्यादा होगी, जिसमें सेकंडों में लाखों पेड़ धराशायी हो गए थे.