मिशन गगनयान: ISRO बना रहा अपना खुद का सैटेलाइट कम्युनिकेशन सिस्टम, जद में होगी पूरी दुनिया
इसरो (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी खुद की उपग्रह संचार प्रणाली (Satellite Communication System) स्थापित करने की तैयारी पूरी कर ली है. इसके शुरू हो जाने से गगनयान (Gaganyaan) मिशन पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों (Astronaut) को भारत में ग्राउंड स्टेशन के साथ संपर्क करने में आसानी होगी. रिपोर्टों से पता चला है कि यह संचार प्रणाली इसरो (ISRO) को अपने अंतरिक्ष यात्रियों की लगातार निगरानी और संपर्क करने में मदद करेगी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2022 तक होने वाले भारत के पहले मानवयुक्त मिशन गगनयान को लॉन्च करने से काफी पहले यह सिस्टम स्थापित कर लिया जाएगा. इसरो अध्यक्ष के सिवन (K Sivan) के हवाले से कहा गया है कि यह अंतरिक्ष संचार प्रणाली भारतीय डेटा रिले सैटेलाइट सिस्टम (IDRSS) और दो जियो-उपग्रहों की मदद से स्थापित की जाएगी. सिवन ने आगे कहा कि इस साल पहला जियो उपग्रह गगनयान के टेस्टफ्लाइट से पहले लॉन्च किया जाएगा. गगनयान का टेस्टफ्लाइट दिसंबर में या 2021 की पहली छमाही में लॉन्च होने की संभावना है. RISAT-2BR1 को इसरो ने PSLV-C48 के जरिए भेजा, दुश्मन देशों पर रखेगा कड़ी नजर

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 2021 में दूसरे मानवरहित टेस्टफ्लाइट से पहले दूसरे जियो उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा. इन संचार उपग्रहों को 36,000 किमी पर भूस्थैतिक कक्षा में रखा जाएगा, जो पूरे विश्व को कवर करेंगी. साथ ही यह अंतरिक्ष में गए यात्रियों से बिना किसी समय चूक के सीधे संचार में मदद करेगी.

उल्लेखनीय है कि इसरों की महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए भी चार अंतरिक्ष यात्रियों को चयन किया जा चुका है. भारतीय वायुसेना से ताल्लुक रखने वाले सभी अंतरिक्ष यात्रियों का रूस में प्रशिक्षण होगा. वायुसेना के मुताबिक चयनित पायलटों को व्यापक शारीरिक व्यायाम परीक्षणों, प्रयोगशाला जांच, क्लीनिकल जांच, रेडियोलॉजिकल टेस्ट व मनोविज्ञान मूल्यांकन से गुजरना पड़ा. गगनयान मानव को अंतरिक्ष में ले जाने का भारत का पहला अभियान है. भारत ने गगनयान मिशन पर सहयोग के लिए रूस और फ्रांस के साथ समझौता किया है. वहीं इसरों मिशन गगनयान के साथ-साथ चंद्रयान-3 पर भी काम कर रहा है.