हूती हमलों के बीच लाल सागर में इंटरनेट केबल कटीं, माइक्रोसॉफ्ट ने ट्रैफिक को दिया नया रास्ता
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नई दिल्ली. दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री रास्तों में से एक, लाल सागर (Red Sea) में समुद्र के नीचे बिछी कई अहम इंटरनेट केबल कट गई हैं. इस घटना के बाद, टेक्नोलॉजी की दुनिया की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने शनिवार को बताया कि उसकी Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म सर्विस पर अब कोई दिक्कत नहीं है और वह ठीक से काम कर रही है.

शुरुआत में क्या हुई थी समस्या?

जब ये केबल कटीं, तो माइक्रोसॉफ्ट ने एक अपडेट जारी कर बताया था कि ग्राहकों को इंटरनेट की स्पीड में थोड़ी सुस्ती (latency) महसूस हो सकती है. कंपनी के मुताबिक, खासकर एशिया और यूरोप के बीच मध्य पूर्व से होकर गुजरने वाले इंटरनेट ट्रैफिक पर इसका असर पड़ रहा था.

हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट ने तुरंत अपनी इंजीनियरिंग टीमों को इस समस्या को सुलझाने में लगा दिया.

माइक्रोसॉफ्ट ने कैसे संभाली स्थिति?

कंपनी ने बताया कि इंटरनेट ट्रैफिक को तुरंत दूसरे रास्तों (routes) पर मोड़ दिया गया, ताकि ग्राहकों पर इसका असर कम से कम हो. माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी कहा, "समुद्र के नीचे कटी हुई फाइबर केबल को ठीक करने में समय लग सकता है. इसलिए, जब तक ये ठीक नहीं हो जातीं, हम लगातार स्थिति पर नजर रखेंगे और इंटरनेट ट्रैफिक के लिए सबसे अच्छे रास्ते का चुनाव करते रहेंगे."

मरम्मत में क्यों आएगी मुश्किल?

लाल सागर इंटरनेट की दुनिया के लिए एक सुपर-हाइवे की तरह है, जो यूरोप को अफ्रीका और एशिया से जोड़ता है. इस इलाके में केबल को ठीक करना आसान नहीं होगा. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि यमन के हूती विद्रोही इस क्षेत्र में लगातार जहाजों पर हमले कर रहे हैं, जिससे मरम्मत का काम करना बेहद खतरनाक और मुश्किल हो गया है.

फिलहाल, माइक्रोसॉफ्ट की तेज कार्रवाई की वजह से ग्राहकों को ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है, लेकिन इन महत्वपूर्ण केबल्स की मरम्मत एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.