नई दिल्ली, 19 अक्टूबर : भारत के प्राथमिक बाजार को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि यह विकास के पथ पर अग्रसर है. निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी और आईपीओ एक्टिविटी में उछाल से भारत के प्राथमिक बाजार में तेजी देखने को मिल रही है. सितंबर का महीना काफी व्यस्त रहा. महीने का आखिरी दिन 14 वर्षों में आईपीओ के लिए सबसे एक्टिव पीरियड में से एक था. सितंबर के आखिरी दिन, एक ही दिन में 15 ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) फाइलिंग पेश की गईं.
पैंटोमैथ कैपिटल एडवाइजर्स की आईपीओ टिप्पणी में कहा गया है, "2024 में अब तक हमने 63 आईपीओ देखें हैं, जिनमें से ज्यादातर ने लिस्टिंग के बाद अच्छा प्रदर्शन किया है. अस्थिर बाजार और वैश्विक अनिश्चितताओं की चुनौतियों के बावजूद, इन पेशकशों में निवेशकों का विश्वास मजबूत बना हुआ है." सकारात्मक गति के आगे भी जारी रहने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अच्छे आईपीओ का आना, निवेशकों की मजबूत मांग और प्रमोटरों और निवेशकों दोनों के बीच आशावादी सोच के साथ, पूंजी बाजारों का भविष्य उज्ज्वल दिखता है. यह भी पढ़ें : Smartphone Users in India 2030: 2030 तक भारत में 120 करोड़ हो जाएगी स्मार्टफोन यूजर की संख्या; रिपोर्ट
इस सप्ताह हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ को कुल मिलाकर 2.37 गुना सब्सक्रिप्शन मिला. क्यूआईबी के लिए कोटा 6.97 गुना बुक किया गया, जबकि कर्मचारियों के लिए आरक्षित आईपीओ 1.74 गुना सब्सक्राइब किया गया. यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फोर सेल (ओएफएस) है. दो दशकों से अधिक समय में भारत में लिस्ट होने वाली किसी ऑटोमेकर की यह पहली पेशकश है. ओएफएस होने के कारण, पूरी आय प्रमोटर को जाएगी.
सार्वजनिक निर्गम से पहले, हुंडई मोटर इंडिया ने एंकर निवेशकों से 8,315 करोड़ रुपये जुटाए. कंपनी के बयान के अनुसार, 225 एंकर निवेशकों को 1,960 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 4.24 करोड़ शेयर आवंटित किए. आईपीओ 15 अक्टूबर से 17 अक्टूबर के बीच बोली के लिए खुला था. कंपनी ने 7 शेयरों के लॉट साइज के साथ 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर के तय प्राइस बैंड में अपने शेयर पेश किए. कार निर्माता ने अपनी प्राथमिक पेशकश के जरिए करीब 27,856 करोड़ रुपये जुटाए.