नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी संबंधित फेक न्यूज को लेकर चल रही चर्चा के बीच वॉट्सऐप (WhatsApp) ने बड़ा कदम उठाया है. फेसबुक (Facebook) के मालिकाना हक वाले वॉट्सऐप ने फॉरवर्ड किए गए मैसेज की नई सीमा तय की है. दिग्गज मैसेजिंग ऐप ने यह फैसला फेक न्यूज रोकने के मकसद से लिया है. इसके बाद अब किसी फॉरवर्ड मेसेज को यूजर एक बार में केवल एक चैट के साथ ही शेयर कर सकते है.
दुनियाभर में कोविड-19 (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण के साथ ही गलत जानकरियों का सिलसिला भी तेज हुआ है. मिली जानकारी के मुताबिक वॉट्सऐप ने अपना नया फीचर लांच कर दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह अपने प्लैटफॉर्म के जरिए फैल रही झूठी जानकारियों और फर्जी खबरों को रोकने के लिए यह फीचर लेकर आया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल तक वॉट्सऐप के भारत में 400 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ता थे. Fact Check: क्या WhatsApp पर कोरोना वायरस को लेकर जोक्स शेयर करने पर होगी जेल? जानिए वायरल मैसेज का सच
इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लीकेशन वॉट्सऐप की ओर से जारी एक अधिकारिक बयान में कहा गया, "हम अब एक सीमा की शुरुआत कर रहे हैं ताकि ये संदेश एक समय में केवल एक चैट पर भेजे जा सकें." वॉट्सऐप ने बताया कि दुनियाभर में फॉरवर्ड किए गए मैसेज को सीमित करने से मैसेज फॉरवर्ड में 25 प्रतिशत की कमी आई. व्यक्तिगत बातचीत के लिए बने वॉट्सऐप के लिए भ्रामक संदेशों के प्रसार को धीमा करना बेहद जरुरी है. Fact Check: क्या WHO ने भारत में लॉकडाउन को आगे बढ़ाने के लिए जारी किया है सर्कुलर, जानें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज का सच
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच वॉट्सऐप सही जानकारी पहुचाने के लिए कई एनजीओ और सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) समेत दुनिया के 20 देशों के स्वास्थ्य मंत्रालय शामिल हैं. इसमें भारत भी शामिल है. भारत सरकार ने व्हाट्सएप पर आधिकारिक हेल्पडेस्क (चैटबॉट) शुरू की है. इसके जरिए आम जनता को जानलेवा वायरस से जुड़ी सही जानकारी दी जा रही है और रोकथाम करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. Fact Check: यूनेस्को ने भारत के लॉकडाउन को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ लॉकडाउन घोषित किया? जानिए पूरी सच्चाई
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई महीने में केंद्र सरकार ने वॉट्सऐप को उसके प्लेटफॉर्म द्वारा अफवाहों से भरे और भड़काऊ, गैर-जिम्मेदाराना तथा विस्फोटक मैसेज फैलने के कारण चेतावनी दी थी. साथ ही ऐसे फर्जी और संवेदनशील मैसेज को फैलने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा था.