नई दिल्ली, 3 मई: भारत में अब 759 मिलियन 'सक्रिय' इंटरनेट यूजर्स हैं, जो महीने में कम से कम एक बार वेब का उपयोग करते हैं, और यह आंकड़ा 2025 तक 900 मिलियन तक पहुंचने का अनुमान है, बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) और डेटा और एनालिटिक्स कंपनी कंटार की रिपोर्ट के अनुसार- 'सक्रिय' इंटरनेट यूजर्स में 399 मिलियन ग्रामीण भारत से हैं जबकि 360 मिलियन शहरी क्षेत्रों से हैं, यह दर्शाता है कि ग्रामीण भारत देश में इंटरनेट के विकास को आगे बढ़ा रहा है.
भले ही लिंग विभाजन 54 प्रतिशत पुरुष यूजर्स के साथ बना हुआ है, लेकिन यह ध्यान देने योग्य है कि 2022 में सभी नए यूजर्स में से 57 प्रतिशत महिलाएं थीं. रिपोर्ट में कहा गया है, ऐसा अनुमान है कि 2025 तक सभी नए यूजर्स में 65 फीसदी महिलाएं होंगी, जो लैंगिक विभाजन को सही करने में मदद करेगी. Good News !!! मोदी सरकार का युवाओं को सबसे बड़ा गिफ्ट, देश में बना सकेंगे मोबाइल, ऑटोमोटिव और माइक्रोकंट्रोलर्स के सिस्टम ऑन चिप्स
शहरी भारत में लगभग 71 प्रतिशत इंटरनेट की पहुंच के साथ केवल 6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, ग्रामीण भारत से आने वाली संख्या में समग्र लाभ के साथ पिछले एक वर्ष में 14 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई. अनुमान है कि 2025 तक भारत में सभी नए इंटरनेट यूजर्सओं में से 56 प्रतिशत ग्रामीण भारत से होंगे.
उपयोग के संदर्भ में, डिजिटल मनोरंजन, डिजिटल संचार और सोशल मीडिया भारत में सबसे लोकप्रिय सेवाएं बनी हुई हैं. वास्तव में, सोशल कॉमर्स में 51 प्रतिशत की चौंका देने वाली वृद्धि के साथ भारतीय अगले ई-कॉमर्स गंतव्य के रूप में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को तेजी से अपना रहे हैं.