विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप: बजंरग पुनिया, रवि दहिया के गले में कांसा, सुशील कुमार खाली हाथ लौटे
भारतीय पहलवान बरजंग पुनिया (Photo Credits: IANS)

सेमीफाइनल मुकाबले में हार से निराश होने वाले भारत के पहलवान बजंरग पुनिया ने शुक्रवार विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में कांस्य पदक अपने गले में डाला है. बजरंग के नक्शे कदम पर चलते हुए पहली बार इस बड़े टूर्नामेंट में उतरे रवि दहिया ने भी कांस्य पदक अपने नाम किया है. दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता सुशील कुमार हालांकि पदक के साथ ओलम्पिक कोटा हासिल करने से चूक गए. बजरंग और रवि को गुरुवार को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. इसकी कसर हालांकि दोनों ने कांस्य जीत कर कुछ हद तक पूरी कर ली है.

एशियाई चैम्पियन में बजरंग ने 65 किलोग्राम भारवर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में मंगोलिया के तुल्गा ओचिर को 8-7 से मात देते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया. सेमीफाइनल में बजंरग 9-9 के स्कोर के बाद भी हार गए थे और इसके बाद उन्होंने अंपयारिंग पर अपना गुस्सा जताया था. इसे लेकर बजरंग के गुरु और भारत के लिए ओलम्पिक पदक जीत चुके योगेश्वर दत्त ने भी नाराजगी जाहिर की थी.

कांस्य पदक मैच की शुरुआत में बंजरग हालांकि पीछे थे. ओचिर ने उन्हें बाहर धकेल दो अंक लिए और फिर चेस्ट थ्रो के जरिए चार अंक लेकर बंजरग पर 6-0 की बढ़त ले ली। बजरंग ने हालांकि दो अंक लेकर स्कोर 6-2 कर लिया. इसके बाद बजरंग ने लगातार अंक लेकर अपने अंकों की संख्या आठ कर ली. यहां मंगोलिया के खिलाड़ी ने एक अंक लिया, लेकिन बजंरग ने अपनी बढ़त को कायम रखा और कांस्य अपने नाम किया. यह भी पढ़ें- Tokyo Olympic 2020: विनेश फोगाट ने ब्रॉन्ज मेडल पर जमाया कब्जा

यह बजंरग का विश्व चैम्पियशिप में तीसरा पदक है. उन्होंने 2013 में कांस्य जीता था, लेकिन तब बजंरग 60 किलोग्राम भारवर्ग में खेलते थे. 65 किलोग्राम भारवर्ग में बजंरग ने अपना पहला पदक पिछले साल जीता था जो रजत पदक था. अपनी जीत पर बजरंग ने कहा, "भारत ने विश्व चैम्पियनशिप में काफी कम पदक जीते हैं, इसलिए देश के लिए इस टूर्नामेंट में पदक जीतने से हमेशा अच्छा लगता है." रवि ने ईरान के रेजा अहमदाली के खिलाफ कड़े मुकाबले में 6-3 से जीत हासिल की.

रवि ने संयम के साथ खेलते हुए मौका का इंतजार कर अंक हासिल किए. उन्होंने रेजा पर पलटवार करते हुए उन्हें पलट दो अंक अपने खाते में डाले. रेजा ने कुछ देर बाद एक अंक ले अपना खाता खोला. यहां रवि को खतरा था कि रेजा बराबरी न कर ले जाएं, लेकिन रवि ने फिर पुराना दांव खेलते हुए स्कोर 4-1 कर लिया. ईरानी खिलाड़ी हालांकि रवि को कड़ी चुनौती दे रहे थे. उन्होंने दो अंक लेते हुए रवि को फिर परेशान किया. इस बीच रेजा को चोट भी लगी.

मैच में कुछ ही सेंकेंड का समय बचा था. रवि ने मैच खत्म होने से कुछ देर पहले टेक डाउन से दो अंक ले स्कोर 6-3 कर लिया और अपनी बढ़त को कायम रखते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया. रवि ने कहा, "कल के मैच के बाद मैं थोड़ा घबराया हुआ था. यह मुश्किल मुकाबला था और पहले दो मिनट में मैं अच्छा नहीं खेल पाया था. दूसरे राउंड में मुझे आत्मविश्वास था कि मैं अच्छा करूंगा. मैंने किया भी और जीत हासिल की." यह भी पढ़ें- यशस्विनी देसवाल ने जीता गोल्ड मेडल, भारत के लिये नौंवा ओलंपिक कोटा हासिल किया

आठ साल बाद विश्व चैम्पियनशिप में उतर रहे सुशील से भी पदक की उम्मीदें थीं, लेकिन इस दिग्गज पहलवान ने निराश किया. भारतीय खिलाड़ी को 74 किलोग्राम भारवर्ग के पहले दौर में अजरबैजान के खादजिमुराद गधजियेव के खिलाफ 9-11 से हार झेलनी पड़ी. इसके बाद उम्मीद थी कि अगर गधजियेव फाइनल में पहुंचते हैं तो सुशील को रेपचेज खेलने का लौका मिलेगा, लेकिन अजरबैजान के खिलाड़ी को अमेरिका के जॉर्डन बुरोग्स ने क्वार्टर फाइनल में 8-1 के बड़े अंतर से मात दी और इसी के साथ सुशील का बाहर जाना तय हो गया.

सुशील ने 2008 में बीजिंग और 2012 में लंदन ओलम्पिक में कांस्य पदक जीते थे. इसके अलावा, किरण मोर, सुमित मलिक और प्रवीण भी प्रतियोगिता से बाहर हो गए हैं. मोर को 70 किलोग्राम भारवर्ग के पहले दौर के मैच में उज्बेकिस्तान के इख्तियार नवरुजोव ने 7-0 के बड़े अंतर से हराया था. रूस के डेविड बेएव ने क्वार्टर फाइनल में नवरुजोव को 11-5 से करारी शिकस्त दी और भारतीय खिलाड़ी रेपचेज में पहुंचने का सपना तोड़ दिया.

प्रवीण ने प्रतियोगिता की शानदार शुरुआत करते हुए 92 किलोग्राम वर्ग के पहले दौर में दमदार जीत दर्ज की थी. दूसरे दौर में हालांकि, उन्हें यूक्रेन के लिउबोमेयर सगालीकुक ने 8-0 के बड़े अंतर से मात दी. प्रवीण को हराने वाले सगालीकुक को क्वार्टर फाइनल में ईरान के अलीरेजा कारिमिमाचियानी ने 12-2 से हरा दिया जिसके कारण भारतीय पहलवान को रेपचेज खेलने का मौका नहीं मिला और वह चैम्पियनशिप से बाहर हो गए. यह भी पढ़ें- बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप 2019: पीवी सिंधु ने रचा इतिहास, जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं

इससे पहले, प्रवीण ने पहले दौर में तकनीकी दक्षता के आधार पर दक्षिण कोरिया के चांगजेई सू को 12-1 के बड़े अंतर से मात दी थी. राष्ट्रमंडल खेलों के चैम्पियन सुमित मलिक को पुरुषों के 125 किलोग्राम भारवर्ग में दो बार के यूरोपीय चैम्पियन हंगरी के डेनिल लिगेटी से मात मिली. हार झेलने बावजूद सुमित को रेपचेज दौर में पहुंचने की उम्मीद थी, लेकिन लिगेटी फाइनल में पहुंचने से पहले ही हार गए और भारतीय खिलाड़ी को प्रतियोगिता से बाहर होना पड़ा.

लिगेटी को प्री-क्वार्टर फाइनल में उज्बेकिस्तान के खासानबोय राखिमोव ने 5-0 से पराजित किया. इससे पहले, हंगरी के खिलाड़ी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सुमित को आसानी से 2-0 से हराया था.