Happy Birthday Sourav Ganguly: 47 साल के हुए बंगाल टाइगर, जानिए दादा से जुड़े खट्टे-मीठे अनसुने किस्से
पूर्व कप्तान सौरभ गांगुली ( फोटो क्रेडिट- Getty )

भारतीय टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान सौरव का आज 47वां जन्‍मदिन है. सौरभ गांगुली को प्यार से दादा और टाइगर के नाम से बुलाते हैं. दादा का जन्म 8 जुलाई 1972 में कोलकाता में हुआ था. दादा ने अपने जुझारू और आक्रामक तेवर से भारतीय क्रिकेट को एक नयी शक्ल दी. बाएं हाथ के इस मध्यक्रम के बल्लेबाज ने भारतीय क्रिकेट को आत्मविश्वास से भर किया और आखिरी गेंद तक हार नहीं मानने वाली टीम में रूपांतरित किया. सौरव गांगुली के नेतृत्व में ही टीम इंडिया ने भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में मैच जीतने शुरू किए. गांगुली को भारत के सबसे सफल कप्‍तानों में से एक माना जाता है.

जानें सौरभ गांगुली से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य.

1:- सौरव गांगुली को उनके माता-पिता 'महाराज' पुकारते थे. माता-पिता उन्हें इंजीनियर या डॉक्टर बनाना चाहते थे. लेकिन उन्हें फुटबाल से बेहद लगाव था. गांगुली की सबसे पसंदीदा महिला खिलाड़ी स्टेफी ग्राफ हैं जो जर्मनी की टेनिस खिलाड़ी हैं.

2:- सौरभ गांगुली ने अपना पहला एक दिवसीय मैच वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1991 में और पहला टेस्ट मैच 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में खेला था. सौरव गांगुली ने 113 टेस्ट मैचों में 7,212 रन बनाए हैं, जबकी 311 वनडे मैचों में उन्होंने 22 सेंचुरी की मदद से 11,363 रन बनाए. दादा की अगुवाई में टीम इंडिया ने 2003 विश्‍व कप के फाइनल में प्रवेश किया था.

3:- गांगुली अक्टूबर 2000 में टीम इंडिया के कप्तान बने. टीम इंडिया ने दादा की अगुवाई में 49 टेस्ट मैच खेले, इनमें से 21 में जीत दर्ज की और 13 में हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे. सीमा गावस्कर ट्रॉफी' जो भारत में 2008 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली गयी थी, उनकी अंतिम टेस्ट सीरीज थी.

4:- सौरभ गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया ने साल 1999 से लेकर साल 2005 के बीच 146 वनडे मैच खेलें. जिनमे 76 मैच में जीते और 65 हार का समाना करना पड़ा, जबकि 5 मैचों के नतीजे नहीं आए. सौरव गांगुली 190 छक्कों के साथ छठे नंबर पर हैं. वर्ल्ड कप में दादा के बनाए 183 रन किसी भी भारतीय बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर है.

5:- कप्तान सौरव गांगुली ने टीम इंडिया की इस ऐतिहासिक जीत पर जश्न मनाने के लिए लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी टी-शर्ट उतारकर लहराई थी.  इस कारण वह काफी चर्चित हैं. सौरभ गांगुली ग्रेग चैपल को भारतीय टीम का कोच चुना अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती मानते हैं. गांगुली ने अपनी आत्मकथा 'ए सेंचुरी इज नॉट इनफ' में इसके बारे में लिखा है.