पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने पिछले सप्ताह कहा था कि भले ही पत्नी अपने पति की दूसरी शादी के लिए सहमति दे दे, फिर भी वह क्रूरता के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498Aके तहत उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकती है. जस्टिस पवनकुमार बजंथरी और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार की डिविजन बेंच ने अपीलकर्ता-पति के इस तर्क को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि उसने अपनी पहली पत्नी की पूर्व सहमति लेने के बाद 2004 में दूसरी शादी की थी, जिससे उसने मई 1978 में शादी की थी. क्या है कानूनी आतंकवाद? कलकत्ता हाई कोर्ट ने महिलाओं पर क्यों की कठोर टिप्पणी; जानें वजह.

कोर्ट ने कहा कि 2005 में दूसरी शादी विफल हो गई और बाद में 2010 में पहली पत्नी ने पति के खिलाफ उसके साथ क्रूरता करने के लिए धारा 498A के तहत मामला दर्ज कराया.

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