सुप्रीम कोर्ट ने आज राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के माध्यम से स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण से संबंधित याचिकाओं पर अपना आदेश सुनाया, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने आरक्षण को इस सत्र के लिए कायम रखा है.
केंद्र ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि नीट-पीजी परीक्षा अधिसूचना जारी होने के बाद ओबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण की शुरुआत बीच में ‘‘खेल के नियमों में बदलाव’’ की तरह नहीं है. सुनवाई के दौरान सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह इस धारणा को समाप्त करना चाहेंगे कि बीच रास्ते में नियम में बदलाव हुआ है. उन्होंने कहा, ‘‘पहली बात तो नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. जिस व्यवस्था को चुनौती दी गई है, उसे अखिल भारतीय आरक्षण को छोड़कर, 2019 से लागू किया जा चुका है.’’ ज्ञात हो कि इस मुद्दे को लेकर देश के कई स्थानों पर रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल तक कर चुके है.
Supreme Court allows 27% reservation for Other Backward Class (OBC) and 10% for Economically Weaker Section (EWS) category in the All-India Quota (AIQ) seats for admission in the NEET for all medical seats as existing criteria this year.
— ANI (@ANI) January 7, 2022
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