कतर कोर्ट ने 8 पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाई. बताया जा रहा है कि यह कार्यवाही गुप्त रूप से हुई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर कड़ा रुख अपनाया है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि हमारे पास प्रारंभिक जानकारी है कि कतर की प्रथम दृष्टया अदालत ने आज अल दहरा कंपनी के 8 भारतीय कर्मचारियों से जुड़े मामले में फैसला सुनाया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'हम मृत्युदंड के फैसले से गहरे सदमे में हैं और विस्तृत फैसले का इंतजार कर रहे हैं.' हम परिवार के सदस्यों और कानूनी टीम के संपर्क में हैं और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं. हम इस मामले को बहुत महत्व देते हैं और इस पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं. हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम फैसले को कतरी अधिकारियों के समक्ष भी उठाएंगे. इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय प्रकृति के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.'
Response of India’s Foreign Ministry pic.twitter.com/ImfaSefZ1m
— News Arena India (@NewsArenaIndia) October 26, 2023
कतर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 8 पूर्व नौसैनिकों में से राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कमांडर पूर्णंदू तिवारी (रि.) भी शामिल हैं. इन्हें 2019 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रवासी भारतीय पुरस्कार से सम्मानित किया था. ये सभी लोग कतर की एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे. यह कंपनी कतरी एमिरी नौसेना को ट्रेनिंग और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. कंपनी का नाम दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी एवं कंसल्टेंसीज सर्विसेज है. कंपनी खुद को कतर रक्षा, सुरक्षा एवं अन्य सरकारी एजेंसी की स्थानीय भागीदार बताती है.
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