Jammu Kashmir: महबूबा मुफ्ती की बहन रुबैया सईद (Mehbooba Mufti's sister Rubaiya Sayeed) ने आज जम्मू टाडा कोर्ट (Jammu TADA Court) में आतंकवादी यासीन मलिक की पहचान की. जम्मू में एडवोकेट मोनिका कोहली ने मीडिया को दी जानकारी रुबैया को यासीन मलिक के नेतृत्व वाले जेकेएलएफ आतंकवादियों द्वारा अपहरण के तीन दशक बाद अपना बयान दर्ज करने के लिए अदालत ने गवाह के रूप में बुलाया था. Chinese PLA In Ladakh: लद्दाख में चीनी सेना की घुसपैठ अभी भी जारी, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने किया बड़ा दावा

साल 1989 में पहली बार कोई मुस्लिम नेता देश का गृह मंत्री बना था. कई दलों के समर्थन से बनी वीपी सिंह सरकार सत्ता में थी. आतंकवाद की आग में कश्मीर सुलगने लगा था. एक दिन आतंकी देश के गृह मंत्री की बेटी को ही अगवा कर लेते हैं और फिर भारत की सरकार को आतंकियों की मांगों के आगे सरेंडर करना पड़ता है.

गृह मंत्री थे मुफ्ती मोहम्मद सईद और आतंकियों ने अपहरण किया था महबूबा मुफ्ती की बहन रूबिया सईद (Rubaiyya Sayeed) का. यह घटना आतंकवाद के लिहाज से एक टर्निंग पॉइंट साबित हुई. पांच आतंकियों की रिहाई के बाद आतंकियों के हौसले बढ़े और घाटी में आतंकवाद तेजी से फैल गया.

इस घटना को करीब 33 साल बात चुके हैं. रूबिया सईद तमिलनाडु में रहने लगीं. वह पेशे से डॉक्टर हैं. CBI की एक विशेष अदालत ने रूबिया को समन जारी कर 15 जुलाई को पेश होने के लिए कहा था. 1989 में उनके अपहरण से जुड़े मामले में पेशी का आदेश आया है. खास बात यह है कि पहली बार रूबिया सईद को मामले में पेश होने के लिए कहा गया. कोर्ट के इस समन से कुछ घंटे पहले ही यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. रूबिया मामले में भी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जेकेएलएफ का प्रमुख यासीन आरोपी है.

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