इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने हाल ही में एक नाबालिग लड़की (17 वर्ष) के साथ बलात्कार करने के आरोप में एक POCSO आरोपी को जमानत दे दी, जिसके साथ वह कथित तौर पर भाग गया था. जमानत देते हुए, जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने अभियोजक और उसके पिता के रुख को ध्यान में रखा, जिन्होंने कहा कि अगर आरोपी को जमानत पर रिहा किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. अदालत ने इस तथ्य को भी नोट किया कि लड़की ने पहले ही आरोपी आवेदक से एक बच्चे को जन्म दिया था.

अदालत के समक्ष, अभियोक्ता ने कहा कि यदि आरोपी-आवेदक को जमानत दी जाती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, बशर्ते कि आरोपी-आवेदक हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी करें और शादी को पंजीकृत करवाएं. और वह अभियोक्ता और बच्चे को अपनी पत्नी और बेटी के रूप में सभी अधिकार दे.

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