Abortion Rights: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट (Jammu-Kashmir and Ladakh High Court) ने हाल ही में 30 सप्ताह के अवांछित भ्रूण (Unwanted Foetus) की चिकित्सा समाप्ति की अनुमति दी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए, एक संवैधानिक न्यायालय को 1971 के एमचीपी अधिनियम की धारा 3 (2) के तहत निर्धारित शक्तियों की तुलना में व्यापक अधिकार प्राप्त हैं. दरअसल, बलात्कार पीड़िता नाबालिग की गर्भावस्था को समाप्त करने की मांग को लेकर पीड़िता के पिता ने एक याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान यह निर्देश पारित किया गया है,

केस डायरी पर गौर करने के बाद बेंच ने कहा कि 27 फरवरी 2023 को पीड़िता के पिता ने पुलिस में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें बताया था कि कथित तौर पर उसकी 11 साल की नाबालिग बेटी के साथ किसी ने रेप किया है, जिसके बाद वो गर्भवती हो गई है. इस रिपोर्ट के आधार पर आईपीसी की धारा 363, 376, 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 4 के तहत एफआईआर दर्ज की गई और जांच शुरू की गई.

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