केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा "समान नागरिक संहिता हमारी एक ज़िम्मेदारी है. समान नागरिक संहिता को लेकर आज राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है. इस बहस से बहुत ही सकारात्मक और रचनात्मक नतीजा निकलकर सामने आएगा...जनता को तय करना होगा कि समान नागरिक संहिता देश के लिए जरूरी है या नहीं."
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार समान नागरिक संहिता लागू करने के तौर-तरीकों की जांच करेगी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी शनिवार को कहा कि सभी मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ये कानून लाना जरूरी है. इससे एक दिन पहले ओवैसी ने भाजपा पर देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत पैदा करने का आरोप लगाया था.
समान नागरिक संहिता हमारी एक ज़िम्मेदारी है। समान नागरिक संहिता को लेकर आज राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है। इस बहस से बहुत ही सकारात्मक और रचनात्मक नतीजा निकलकर सामने आएगा...जनता को तय करना होगा कि समान नागरिक संहिता देश के लिए जरूरी है या नहीं: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी pic.twitter.com/OLi4e6iiJx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 2, 2022
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