हाल ही में व्हाट्सएप पर एक संदेश वायरल हो रहा है जिसमें लोगों को एक वीडियो 'अमित शाह ने मोदी से किनारा किया' नाम से न देखने की चेतावनी दी गई है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि वीडियो में खतरनाक वायरस है, जो मोबाइल फोन को फॉर्मेट कर सकता है. इसके साथ ही संदेश में लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे मोबाइल नंबर 9266600223 को ब्लॉक कर लें, क्योंकि यह क्रेडिट/डेबिट कार्ड हैकर्स से जुड़ा है.
यह मैसेज न केवल व्हाट्सएप पर, बल्कि फेसबुक और ट्विटर जैसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी तेजी से फैल रहा है. संदेश में यह भी कहा गया है कि यह जानकारी रेडियो पर प्रसारित की गई है और इसे जितना हो सके उतने लोगों को फॉरवर्ड करें.
क्या है सच्चाई?
इस मैसेज के फैलने के बाद जब इसकी जांच की गई, तो पता चला कि यह पूरी तरह से फर्जी है. न तो सरकार और न ही किसी रेडियो स्टेशन ने ऐसा कोई ऐलान किया है. अगर सच में कोई इतना खतरनाक वायरस होता, तो इसकी जानकारी व्यापक रूप से कई सरकारी और अन्य मंचों पर दी जाती.
इसे पहले भी 2017 में एक अन्य नाम 'सोनिया ने राहुल से किनारा किया' के साथ फैलाया गया था, और तब भी फैक्ट-चेकिंग एजेंसियों ने इसे फर्जी पाया था. इसका उद्देश्य केवल भ्रम फैलाना और लोगों को गुमराह करना है.
वायरल फेक न्यूज़ का बढ़ता खतरा
फेक न्यूज़ और झूठी जानकारियों की बाढ़ से सोशल मीडिया प्लेटफार्म भरे पड़े हैं. चाहे वह राजनेताओं, सेलेब्रिटीज़ या हालिया कोरोनावायरस जैसी घटनाओं से जुड़ी हो, कई लोग इन झूठी खबरों का शिकार बन रहे हैं. यह जरूरी है कि लोग बिना जांचे-परखे किसी भी जानकारी पर विश्वास न करें, खासकर सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रही अफवाहों पर.
क्या करना चाहिए?
आपको इस तरह के संदेशों को बिना सोचे-समझे फॉरवर्ड नहीं करना चाहिए. व्हाट्सएप, फेसबुक या ट्विटर पर जो कुछ भी दिखता है, उसे सच मानना सही नहीं होता. विश्वसनीय समाचार और अपडेट के लिए सही और प्रमाणिक स्रोतों पर निर्भर करें.
यह 'अमित शाह ने मोदी से किनारा किया' वीडियो वाला व्हाट्सएप मैसेज पूरी तरह से फर्जी है. ऐसे संदेशों से सावधान रहें और बिना पुष्टि के किसी जानकारी पर भरोसा न करें.