Viral: अफगानिस्तान के पूर्व मंत्री Syed Ahmed Shah Sadat जर्मनी में कर रहे पिज्जा डिलीवरी बॉय का जॉब, तस्वीरें हुईं वायरल
Syed Ahmed Shah Sadat (Photo Credits: Twitter)

बर्लिन: अभी एक साल पहले, सैयद अहमद शाह सादात (Syed Ahmed Shah Sadat) ने अफगानिस्तान में संचार और आईटी मंत्री के रूप में पद संभाला था. हालांकि, अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) के साथ मतभेदों के कारण, उन्होंने 2020 में अपना देश छोड़ दिया और जर्मनी में बस गए. लीपज़िगर वोक्सज़ितुंग अखबार (Leipziger Volkszeitung newspaper) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सादात अब जर्मन (German) शहर लीपज़िग (Leipzig) में एक फ़ूड डिलीवरी बॉय के रूप में काम कर रहे हैं. उनकी तस्वीरें ऑनलाइन सामने आई हैं, उनमें सादात को जर्मनी में डिलीवरी बॉय के लिए नारंगी रंग की वर्दी में पिज्जा डिलीवर करते हुए देखा जा सकता है. यह भी पढ़ें: Afghanistan Crisis: अफगानिस्तान से तय समय-सीमा पर वापसी, तालिबान के सहयोग पर निर्भर- राष्ट्रपति बाइडन

सादात साल 2018 में अफगान सरकार में संचार मंत्री बने और तालिबान के अधिग्रहण से बहुत पहले 2020 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया. वह कथित तौर पर अफगानिस्तान में संचार संबंधी मुद्दों में मदद करने के लिए जर्मनी गए थे, लेकिन अशरफ गनी के साथ मतभेदों के कारण अपना पद छोड़ दिया. जर्मनी में बसने के बाद, कुछ महीनों में उनके पास पैसे खत्म हो गए और उन्हें एक पिज्जा डिलीवरी बॉय के रूप में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अब वह अपनी साइकिल पर शहर में घूमते हैं और घर-घर पिज़्ज़ा पहुंचाते हैं.

देखें तस्वीरें:

एक रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व अफगान मंत्री ने कहा कि उनके पास ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संचार और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में दो मास्टर डिग्री हैं. इसके अलावा उन्होंने 13 देशों की 20 से अधिक कंपनियों के साथ संचार के क्षेत्र में काम किया है. इस समय मैं बेहद सादा जीवन जी रहा हूं. मैं जर्मनी में सुरक्षित महसूस करता हूं. मैं लीपज़िग में अपने परिवार के साथ रहकर खुश हूं. मैं पैसे बचाना चाहता हूं और एक जर्मन कोर्स करना चाहता हूं और आगे पढ़ना चाहता हूं, ”सआदत ने कहा. उन्होंने आगे कहा, 'मैंने कई नौकरियों के लिए आवेदन किया लेकिन कोई जवाब नहीं आया. मेरा सपना एक जर्मन टेलीकॉम कंपनी में काम करने का है."

सादात ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर ज्यादा टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि अशरफ गनी सरकार इतनी जल्दी गिर जाएगी.