Penis Burned By Chemical: ट्रांसजेंडर ने अपने पेनिस को केमिकल से जलाया, ताकि महिला बनने का सपना हो सके साकार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

Penis Burned By Chemical: एक ऑस्ट्रेलियाई ट्रांसजेंडर महिला (Australian Trans Woman) को अपना लिंग (Penis) जलाने के बाद आपातकालीन सर्जरी (Emergency Surgery) करानी पड़ी, ताकि डॉक्टर उसे हटा सकें और उसका महिला बनने का उसका सपना पूरा कर सके. विंस-योग्य घटना का विवरण देने वाला एक केस अध्ययन (Study) हाल ही में मेडिकल जर्नल यूरोलॉजी केस (Medical Journal Urology Case) रिपोर्ट्स में प्रकाशित किया गया था. रिपोर्ट के अनुसार, 57 साल की एक अज्ञात ट्रांस महिला को उसके जन्म के समय पुरुष बताया गया था, लेकिन उसे लगा कि वह गलत शरीर में पैदा हुई है.

डॉक्टरों ने कहा कि वह अपना लिंग परिवर्तन कराना चाहती थी, लेकिन मुमकिन है कि वो चिकित्सा के लिए बड़ा शुल्क देने के लिए तैयार नहीं थी, इसलिए उसने कथित तौर पर केमिकल की मदद से अपने पेनिस को जलाने की कोशिश की. अध्ययन से पता चलता है कि लिंग-पुष्टि सर्जरी (जिसमें लिंग को कृत्रिम योनी में बदलना शामिल हो सकता है) को ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा मेडिकेयर द्वारा कवर नहीं किया जाता है. यह भी पढ़ें: Shocking! पति पर डिनर में नशीला पदार्थ मिलाने, कम से कम 51 लोगों द्वारा पत्नी के साथ रेप के वीडियो बनाने का आरोप

यही वजह है कि मरीजों को अपना इलाज निजी क्षेत्र में कराना पड़ता है, जिसमें अत्यधिक पैसे खर्च होते हैं, जबकि कुछ स्थानीय क्लीनिक मरीजों को ‘संबद्ध स्वास्थ्य और प्राथमिक देखभाल प्रदाताओं’ से जोड़ते हैं, उनके पास अक्सर लंबी वेटिंग लिस्ट होती है. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मरीज ने अपने प्राइवेट पार्ट को जलाने के लिए किस केमिकल प्रक्रिया का इस्तेमाल किया.

हालांकि, जब मरीज अस्पताल के मूत्रविज्ञान विभाग में पहुंची तो उसके लिंग की नोक पर नेक्रोसिस (मृत ऊतक) था, साथ ही पूरे लिंग में जलन, सूजन और लालिमा थी. बताया जा रहा है कि अपनी चोट से पहले, वह एंड्रोजन डेप्रिवेशन थेरेपी से भी गुजर रही थी, जो चेहरे और शरीर के बालों के साथ-साथ आवाज की गहराई के लिए जिम्मेदार वृषण हार्मोन के स्तर को कम करती है, लेकिन मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र में जाने के बाद उसने इलाज बंद कर दिया था. यह भी पढ़ें: Ozempic Butt: आधुनिक वजन घटाने वाली दवा का विचित्र दुष्प्रभाव, लोग हो रहे हैं ‘ओजेम्पिक बट’ का शिकार

कैथेटर से उसके मूत्राशय को खाली करने और घावों का इलाज करने के बाद, चिकित्सकों ने पाया कि नेक्रोसिस सौभाग्य से मूत्रमार्ग या मूत्राशय में मेटास्टेसिस नहीं हुआ था. अगले सात दिनों तक, चिकित्सकों ने गॉज ड्रेसिंग लगाकर, एंटीबायोटिक्स देकर और मूत्र प्रवाह को फिर से व्यवस्थित करके मरीज का इलाज किया.

गौरतलब है कि आपातकालीन ऑपरेशन में डॉक्टरों ने मृत लिंग को काट दिया और फिर बचे हुए 1-सेंटीमीटर स्टंप में मूत्रमार्ग को बनाया. आपातकालीन सर्जरी के बाद चिकित्सकों ने आठ दिनों तक मरीज की निगरानी की, जिसके दौरान उन्होंने निर्धारित किया कि उसे पेनेक्टॉमी से कोई जटिलता नहीं हुई, बाद में उसे छुट्टी दे दी गई और फिर एक ट्रांस-सर्जरी विशेषज्ञ के पास भेजा गया.