मुंबई: मायानगरी मुंबई में डॉक्टरों की टीम ने सर्जरी करके एक शख्स के शरीर से करीब 12.8 किलो की किडनी निकाली है. 41 वर्षीय मरीज की एक किडनी का वजन करीब 7 किलो, जबकि दूसरी किडनी का वजन 5.8 किलो है. बताया जाता है कि यह शख्स जानलेवा जेनेटिक डिसऑर्डर से पीड़ित था. आमतौर पर सामान्य किडनी का वजन 120-150 ग्राम होता है और इसकी लंबाई 8-10 सेमी होती है, लेकिन रोमन परेरा (Roman Pereira) नाम के शख्स की किडनी न सिर्फ वजनी थी, बल्कि उसकी लंबाई 26 सेमी और 21 सेमी थी. यह मरीज ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (Autosomal Dominant polycystic kidney disease- ADPKD) नाम के जेनेटिक डिसऑर्डर से पीड़ित था
पॉलीसिस्टिक किडनी रोग एक आनुवांशिक स्थिति है, इससे पीड़ित व्यक्ति के दोनों किडनी में द्रव से भरे सिस्ट विकसित हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है. ऐसे में सामान्य किडनी टिशू को सिस्ट वाले टिशू की जगह प्रतिस्थापित किया जाता है. बताया जाता है कि परेरा इस जेनेटिक डिसऑर्डर से पिछले एक दशक से परेशान थे, लेकिन किडनी की इस गंभीर स्थिति ने धीरे-धीरे उनके जीवन को बाधित करना शुरू कर दिया. पिछले डेढ़ साल से उन्हें सांस लेने और चलने-फिरने में दिक्कत महसूस होने लगी. इसके साथ ही उनका हीमोग्लोबिन स्तर भी खराब होने लगा था, पिछले साल नवंबर महीने में उनकी हालात ज्यादा गंभीर हो गई थी. यह भी पढ़ें: न्यू जर्सी: डॉक्टर्स से हुई बहुत बड़ी गलती, किसी की किडनी किसी और को कर दी ट्रांसप्लांट
मुबंई के परेल स्थित ग्लोबल हॉस्पिटल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. भरत शाह (Nephrologist Dr Bharat Shah) ने कहा कि करीब 5 फीसदी रोगियों में ADPKD जैसी असामान्य स्थिति देखी जाती है, जिसके चलते किडनी फेलियर की गंभीर स्थिति उत्पन्न हो जाती है. वहीं रीनल ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. प्रदीव राव (Renal Transplant Surgeon Dr Pradeep Rao) की मानें तो किडनी के आकार इतने बड़े थे कि मरीज की लेप्रोस्कोपिक नहीं की जा सकती थी, इसलिए मरीज की एक ओपन सर्जरी करनी पड़ी. सर्जरी के जरिए मरीज की किडनी निकाली गई, जिनका कुल वजन 12.8 किलोग्राम था. यह भी पढ़ें: प्राकृतिक तरीके से किडनी की सफाई करती हैं ये 5 चीजें, जरूर करें इनका सेवन
परेरा की जिंदगी को किडनी ट्रांसप्लाट के जरिए बचाया जा सकता था और इसके लिए उनकी पत्नी प्लासीमा (Placima) अपनी एक किडनी दान करना चाहती थीं, लेकिन उनका ब्लड ग्रूप मैच नहीं कर रहा था. आखिरकार डॉक्टरों को अमरावती के एक दंपत्ति नितिन और राधा तपर से किडनी का एक मेल मिला. बताया जाता है कि राधा अपने पति नितिन को ब्लड ग्रुप अलग होने के कारण किडनी दान नहीं कर सकती थी. ऐसे में डॉक्टरों ने परेरा की पत्नी प्लासीमा की किडनी को राधा की किडनी से आदान-प्रदान किया. फिर उन किडनियों से परेरा और नितिन में किडनी ट्रांसप्लाट संभव हो सका. फिलहाल दोनों मरीजों की हालत ठीक है.