VIDEO: महाराष्ट्र के अम्यूजमेंट पार्क में बड़ा हादसा, हवा में टूटा झूला, एक दोस्त की मौत, दूसरा घायल

घूमने-फिरने और मौज-मस्ती का एक दिन तब एक भयानक सपने में बदल गया, जब महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में मौजूद सायजीराजे पार्क में एक बड़ा हादसा हो गया. यहां एक झूले में आई तकनीकी खराबी की वजह से एक 35 साल के आदमी की जान चली गई और एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया.

कैसे हुआ यह हादसा?

यह दर्दनाक घटना 18 जून को घटी. पार्क का एक मशहूर 'ऑक्टोपस' झूला, जिसमें कई घूमने वाले हाथ होते हैं और हर हाथ में चार सीटें होती हैं, अपनी पूरी रफ़्तार में चल रहा था. तभी अचानक उसका एक हाथ टूटकर अलग हो गया. इस हादसे में पुणे जिले के भिगवन के रहने वाले 35 साल के तुषार धुमाल के सिर में गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई.

उनके साथ झूले में बैठे उनके 30 साल के दोस्त वैभव रुपनवर, जो पुणे के ही रहने वाले हैं, भी बुरी तरह घायल हो गए. उनके सिर में भी गहरी चोटें आईं और 19 जून की सुबह अकलुज के एक प्राइवेट अस्पताल में उनकी सर्जरी की गई.

लोगों ने क्या देखा?

वहाँ मौजूद लोगों ने बताया कि घटना के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. जैसे ही झूले का हाथ हवा में टूटा, लोग घायलों की मदद के लिए दौड़ पड़े. एक टूरिस्ट द्वारा बनाए गए वीडियो में भी दिखा कि परिवार वाले और दूसरे लोग घायलों तक पहुँचने की कोशिश कर रहे हैं. जिस वक़्त यह हादसा हुआ, उस वक़्त झूले के टूटे हुए हाथ में तुषार और वैभव अपने दो और दोस्तों के साथ बैठे थे.

पुलिस की कार्रवाई

स्थानीय पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है. मृतक तुषार के भाई अभिजीत धुमाल की शिकायत पर पार्क के मैनेजर, झूला चलाने वाले ऑपरेटर और मेंटेनेंस स्टाफ के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. शिकायत में कहा गया है कि यह हादसा घोर लापरवाही और झूले के खराब रखरखाव की वजह से हुआ. यह भी आरोप लगाया गया है कि ऑपरेटर ने झूले को तय सीमा से ज़्यादा तेज़ रफ़्तार में चलाया था.

FIR में भारतीय न्याय संहिता की कई धाराएं लगाई गई हैं, जैसे:

  • लापरवाही से मौत का कारण बनना (धारा 106(1)).
  • दूसरों की जान या सुरक्षा को खतरे में डालना (धारा 125(A)).
  • लापरवाही से गंभीर चोट पहुँचाना (धारा 125(B)).

सायजीराजे पार्क, जो इस इलाके में परिवारों और टूरिस्टों के लिए एक पसंदीदा जगह है, अब अपनी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवालों के घेरे में है. यह घटना इस बात पर गंभीर सवाल खड़े करती है कि क्या अम्यूजमेंट पार्कों में सुरक्षा नियमों का ठीक से पालन हो रहा है और क्या उनकी समय पर जाँच होती है, खासकर छुट्टियों के मौसम में जब भारी भीड़ होती है.

जैसे-जैसे भारत में पर्यटन बढ़ रहा है, इस तरह की घटनाएं एक कड़वी याद दिलाती हैं कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ऐसी जगहों पर सख्त निगरानी की कितनी ज़्यादा ज़रूरत है.