Coronavirus Lockdown: देश में जारी कोरोना वायरस लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के चलते लोग अपने घरों में रहने के लिए मजबूर हो गए हैं. कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से बचने के लिए जहां लोग अपने घरों में कैद हैं तो वहीं लॉकडाउन (Lockdown) प्रकृति में सुधार लाने में मददगार भी साबित हो रहा है. लोगों के घरों में बंद हो जाने से दिन में भी सड़कों पर रात जैसा सन्नाटा नजर आता है, जिसके चलते जंगली जानवरों, पशुओं और पक्षियों के रिहायशी इलाकों में देखे जाने की खबरें आम होने लगी हैं. सोशल मीडिया पर वाइल्ड लाइफ के रिहायशी इलाकों में सैर करने के कई वीडियो सामने आ चुके हैं. इसके साथ ही लॉकडाउन के चलते प्रदूषण का स्तर भी घट रहा है. खासकर नदियों के प्रदूषण स्तर में काफी गिरावट दर्ज की गई है.
सोशल मीडिया पर एक लेटेस्ट वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) के ऋषिकेश (Rishikesh) में गंगा नदी (Ganga River) का पानी एकदम स्वच्छ नजर आ रहा है. दरअसल, लॉकडाउन के चलते औद्योगिक प्रदूषक तत्वों की गंगा नदी में कमी आई है, इसके साथ ही घाटों पर पर्यटकों के न आने से गंगा नदी के प्रदूषण स्तर में काफी गिरावट आई है. लक्ष्मण झूला (Lakshman Jhula) के पास लिए गए इस वीडियो में गंगा का पानी साफ, स्वच्छ और निर्मल नजर आ रहा है.
इस लेटेस्ट वीडियो को भारतीय वन अधिकारी (आईएफएस) सुशांत नंदा (IFS Susanta Nanda) ने शेयर किया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि गंगा का पानी कितना साफ और स्वच्छ है.
देखें वीडियो-
Ganga at Rishikesh, near the Lakshman jhoola on 24.04.2020.🙏
And all along we were searching for heaven.... pic.twitter.com/o6HzpNsFGC
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) April 26, 2020
दरअसल, गंगा और यमुना के जल में लगातार प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण इनमें डुबकी लगाना भी उपयुक्त नहीं माना जाता था. हालांकि सरकार और पर्यावरणविदों के लिए नदियों के प्रदूषण से निपटना एक बड़ी चुनौती बनी रही. नदियों की शुद्धता को वापस लाने के लिए कई प्रयास भी किए गए, लेकिन इसका कोई खास असर होता नहीं दिखा. अब जब देश में कोरोना वायरस प्रकोप के चलते लॉकडाउन किया गया है तो अचानक से नदियों के प्रदूषण स्तर में काफी गिरावट देखी जा रही है. यह भी पढ़ें: कोरोना इफेक्ट: लॉकडाउन के दौरान जल प्रदूषण का स्तर घटा, कोलकाता के घाटों पर दिखीं गंगा डॉल्फिन, देखें तस्वीरें
गौरतलब है कि उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कथित तौर पर हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा नदी के पानी के नमूने लिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन का नदी की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव पड़ा है या नहीं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बोर्ड ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के गठन के बाद पहली बार गंगा नदी का पानी साफ और पीने योग्य हुआ है.