सोशल मीडिया पर बिजनेस स्टैण्डर्ड का एक आर्टिकल तेजी से वायरल हो रहा है. पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि सरकार ने अपने स्थायी कर्मचारियों के लिए हर साल कम से कम 20 दिन की अर्जित छुट्टी लेना अनिवार्य कर दिया है, वे छुट्टी के बदले नकदी नहीं ले सकते. बता दें कि इन्टरनेट पर वायरल हो रही ये पोस्ट फर्जी है केंद्र सरकार ने ऐसा कोई भी दावा नहीं किया है. सरकार ने ऐसी कोई भी योजना कंपलसरी नहीं की है. "केंद्र ने फैसला किया है कि उसके सभी स्थायी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के समय कम से कम 20 दिनों की अर्जित छुट्टी लेनी होगी, बजाय कि उन्हें रिटायरमेंट के समय नकदीकरण के लिए जमा करना होगा.
फर्जी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सरकार द्वारा संचालित बैंक अपने कर्मचारियों को 2018 के अंत से दस दिनों की छुट्टी पर भेजना शुरू कर चुके हैं. फर्जी दावों को खारिज करते हुए, प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा फैक्ट चेक में कहा गया है कि सभी समाचार रिपोर्ट में किए गए दावे झूठे और निराधार हैं. इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने हर साल 20 अर्जित छुट्टियां लेने के बारे में ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. यह भी पढ़ें: Fact Check: कंगना रनौत को बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में सीएम कैंडिडेट घोषित किया? फेक न्यूज का सच आया सामने
देखें ट्वीट:
It is being claimed that the government has made it compulsory for its permanent employees to take at least 20 days of earned leave every year, instead of hoarding them up for encashment.#PIBFactCheck: The claim is #Fake. No such announcement has been made by the central govt. pic.twitter.com/3DEpkdYuaW
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) January 13, 2021
सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फेक न्यूज फैल रही है, खासकर तब से जब से कोरोनोवायरस महामारी का प्रकोप हुआ है. गलत सूचना और फर्जी खबरों के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कई पहल की हैं, जिनमें से एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर फर्जी और भ्रामक सूचनाओं का फैक्ट चेक कर रही है. सरकार ने समय-समय पर लोगों को ऐसी फर्जी खबरों और अफवाहों पर विश्वास न करने और सरकारी वेबसाइटों पर आधिकारिक घोषणा चेक करने की सलाह दी है.